महिलाएं मांग में सिंदूर क्यों लगाती है

हमारी भारतीय संस्कृति में निहित है शादी के बाद महिलाएं मांग में सिंदूर अवश्य लगाती हैं। इसको उनके शादीशुदा जीवन, सुहाग और पति की उम्र से जोड़ा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे और भी बहुत से कारण हैं? अगर नहीं तो चलिए आज हम आपको मांग में सिंदूर के बारे में यहाँ बताते है|

सबसे पहले शादी के दिन दुल्हन की मांग में सिंदूर भरा जाता है जिसे एक रीति कह सकते है और  जो उसके सुहागन होने की निशानी भी बनता है। ता-उम्र महिलाएं इसे अपनी मांग में सजाती/लगाती हैं।

कुछ परंपराओ के कारण, तो कुछ उस विश्वास के कारण कि ऐसा करना उनकी पति की उम्र को लंबी कर देती है। हालांकि, इसके पीछे भी कुछ ऐसे कारण हैं, जो विज्ञान, वास्तु और ज्योतिष शास्त्र से भी जुड़े हुए जिन्हें हम नकार नहीं सकते हैं। इन कारणों के बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं लेकिन अब आप जान जायेंगे|

Read In English Click Here

मांग में सिंदूर एकाग्रता बढाता है|

इसमें हल्दी से बनने वाला सिंदूर कई दोषों को दूर नाश करता है। इससे एकाग्रता बढ़ती है मन प्रसन्न रहता है, और चित्त को एक जगह रखने में सहायता मिलती है। ऐसा होने पर काम को ज्यादा ध्यानपूर्वक और बेहतर तरीके से करने में भी मदद मिलती है जो की इसका प्रभाव कह सकते है|

मांग में सिंदूर में पुराणशास्र के मुताबिक:-

जब एक महिला तब तक सिंदूर लगाती है, जब तक उसका पति जीवित रहता है और यह सत्य है, हिंदू धर्म, पौराणिक कथाओं के अनुसार, कहा जाता है हमारी माता पार्वती जी मांग में सिंदूर लगाने वाली स्त्री के पति की रक्षा करती हैं, बल्कि वह आसपास भटक रही बुरी-शक्तियों को भी दूर रखती हैं।

अच्छे भाग्य के लिए मांग में सिंदूर लगाया जाता है

हमारे धर्म में लाल रंग को काफी महत्त्व दिया जाता है लाल रंग को शुभ माना जाता है। कई अन्य देशों में भी इस कलर को अच्छी किस्मत का प्रतीक माना जाता है। हर सुहागन का मांग में सिंदूर लगाना भी भाग्य को शुभ बनाता है और उसके वैवाहिक जीवन को सुखी बनाए रखता है। कहते है कि स्त्री की यह सकारात्मक ऊर्जा उसके पति पर भी अच्छा असर डालती है जिससे उसे भी भाग्यशाली और सेहतमंद रहने में मदद करती है|

इस वजह से भी लगाया जाता है मांग में सिंदूर, जानें वैज्ञानिक फायदे

चलिए आपको रामायण में एक प्रसंग है जिसके अनुसार एक बार हनुमान जी ने माता सीता को मांग में सिंदूर लगाते हुए देखा, उन्हें माता सीता के केसरिया रंग सिंदूर का कारण समझ नहीं आया, तब श्री हनुमान जी ने माता सीता से इसका कारण पूछा जानना चाहा तब माता सीता ने हनुमान जी को बताया ‘इसे मांग में सिंदूर में लगाने से प्रभु श्रीराम की आयु बढ़ती है.’ हनुमान जी प्रेम और गृहस्थ जीवन से जुड़े हुए विषयों से बिल्कुल अनभिग्य थे| फिर अगले दिन सभा में हनुमान जी अपने पूरे शरीर पर केसरिया सिंदूर लगाकर आ गए और यह देखकर सभी लोगों को हैरानी हुई|

हनुमान जी से कारण पूछने पर हनुमान जी ने बताया ‘माता सीता ने बताया है कि इस सिंदूर को लगाने से प्रभु श्रीराम की आयु बढ़ती है, इसलिए मैंने पूरे शरीर में ही सिंदूर को लगा लिया है जिससे मेरे प्रभु श्रीराम जी की आयु और भी लंबी हो जाए|

तभी सभा में उपस्थित सभी लोग हनुमान जी के इस भोलेपन पर मुस्कुराने लगते है| और रामायण में इस प्रसंग के अलावा सिंदूर लगाने से जुड़ी हुई कई पौराणिक कहानियां मिलती है, और यदि बात करें कि, मांग में सिंदूर लगाने के वैज्ञानिक तथ्य के बारे में तो वैज्ञानिकों द्वारा मांग में सिंदूर लगाने के कारणों के साथ इसके फायदे भी बताए हैं आइये आगे जानते है….

मांग में सिंदूर लगाने के फायदे:-

जब स्त्री विवाहित हो जाती है तो विवाहित महिलाएं मांग के बीचों-बीच जहां सिंदूर लगाती हैं, उस स्थान को अध्यात्म में ‘ब्रह्मरंध्र’ कहा जाता है| इसे एक ग्रंथि के रूप में भी जाना जाता है. वैज्ञानिक दृष्टिकोण महिलाओं का यह स्थान (जहां सिंदूर लगाया जाता है ) बहुत नाजुक होता है, जिसे सुरक्षा की जरूरत होती है| सिंदूर में होता है पारा, जिसे लगाने से इस स्थान (जहां सिंदूर लगाया जाता है ) में ठंडक पहुंचती है| वैज्ञानिक तर्क के अनुसार विवाह के बाद महिलाओं के जीवन में बहुत बदलाव आता है, इसलिए उन्हें तनाव होने लगता है, ऐसे में सिंदूर को लगाने से तनाव भी काफी कम रहता है, क्योंकि सिंदूर में पारा नामक पदार्थ पाया जाता है जिनका यह प्रभाव है|

अन्य पढने योग्य – इसको पढने से होगा लाभ | भगवान विष्णु जी की आरती|

अन्य पढने योग्य – महिलाएं मांग में सिंदूर क्यों लगाती है

1

Scroll to Top