माला जप करने के फायदे और माला जाप के नियम|

माला जप करना सिर्फ भगवान को खुश करना ही नहीं बल्कि इसके कुछ लाभ भी है जिसे शायद कुछ बुद्धिजीवि व्यक्ति जानते और समझते है और जो नहीं जानते उनके लिए आज आसान हो जायेगा|

माला जप करने के लिए मन का शांत होना बहुत जरुरी है क्यूंकि अगर आपका मन शांत नहीं होगा तो आप माला जप एकाग्रता से नहीं कर पाएंगे|

चलिए आपको बताते है माला जप के कुछ लाभ और उसके नियम के बारे में…

विषय में अंकित

लोग माला जप क्यों करते है|

माला एक पवित्र वस्तु है | यह शुद्ध तथा पवित्र वस्तुओं द्वारा बनाई जाती है | इसमें 108 मनके होते है |ये 108 मनके साधक को जप संख्या की गणना करने में सहायक होते है |इन 108 मनको का भी एक रहस्य है |

भारतीय मुनियों ने एक वर्ष में 27नक्षत्र बतलाये है |प्रत्येक नक्षत्र के 4 चरण होते है | इस प्रकार 27*4 =108 हुए यह संख्या पवित्र ही नहीं अत्यन्त पवित्र मानी जाती है |

जप करते समय साधक को होठ एव जीभ को हिलाना पड़ता है | इससे कन्ठ  की ध्वनिया प्रभावित होती है, जिस के कारण साधक को कन्ठ माला,गलगंड आदि रोग होने की संभावना बनी रहती है |

इस प्रकार के रोगों से बचने के लिए ओषधि युकत तुलसी,रुद्राक्ष आदि की माला गले में धारण करनी चाहिए |

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विभिनं मालाओ के धारण करने के लाभ:

  1. कमल गट्टे की माला : शत्रु विनाश हेतु |
  2. सर्प की हडडी की माला : मारण एव तामसी कार्यो के लिए |
  3. तुलसी की माला : भगवान विष्णुको प्रसन्न करने के लिए |
  4. जीव पुत्र की माला : संतान गोपाल का जप करने के लिए |
  5. कुश –ग्रंथि की माला : पाप नाश करने के लिए |
  6. हरिद्रा की माला : विघ्न हरण के लिए |
  7. व्याघ्र नख की माला : नजर एव टोने-टोटके से बचने के लिए |
  8. रुद्राक्ष की माला : दीर्घायु होने के लिए जब महामृत्युंजय का जाप करना हो |

माला जप के लाभ:

माला जप करते समय अगुठे और अंगुली के मध्य घर्षण से एक प्रकार की विधुत उत्पन्न होती है जो धमनियों द्वारा सीधी ह्रदय चक्र को प्रभावित करती है जिससे चंचल मन स्थिर हो जाता है |

मध्यमा अँगुली की नस का सीधा सम्बन्ध ह्रदय से होता है इसलिए माला जपते समय अंगूठे के साथ मध्यमा अँगुली का प्रयोग करते है |

माला मंत्र जप के लाभ?

इससे मानसिक और चित्त्त संबधी लाभ जुड़े हुए है | जिससे एकाग्रता और मन शांत रहता है|

तुलसी माला जपने के नियम?

सबसे पहले शुद्ध होकर स्वयं आचमन करें और पवित्रीकरण करें और इसके बाद जप माला का पूजन करें और इसके बाद माला को गौ मुखी में रखकर जाप आरंभ करें|

माला टूटने का मतलब?

माला टूटना मतलब जाप खंडित होना पुनः जाप शुरू करें से करें|

माला कितने प्रकार की होती है?

माला कई प्रकार की होती है लेकिन मुख्यतः चंदन, तुलसी, रक्तचंदन, स्फटिक, रुद्राक्ष, मोती, बैजंती, कमलगट्टे , एवं हल्दी मुख्य प्रकार की होती है|

बिना माला के जप कैसे करें?

बिना माला के मानसिक जाप किया जा सकता है इसमें आप अपने मन में ही नाम सुमिरन कर सकते है बिना कुछ बोले|

जप करने की माला को क्या कहते है?

वैसे माला का कोई नाम नहीं दिया गया है लेकिन जप करने वाली माला को हम सभी जपमाला कहते है और अंग्रेगी में इसे अर्गेड भी कहा जाता है जो अलग से दिया हुआ है|

गृहस्ती में कौन सी माला से जाप करना चाहिए?

अगर आप ग्रहस्त में भी माला जप के लिए समय निकलते है तो यह बहुत सुन्दर विचार है ऐसे में आप तुलसी की माला से जप कर सकते है|

माला जाप के समय मन भटकता है क्या उपाय करें जो मन ना भटके?

योग करना चाहिए , और शांत जगह में बैठकर जाप करें|

गले में धारण करने वाली माला और जाप करने वाली माला अलग अलग होना चाहिए क्या?

हां, यह बिलकुल सत्य है ऐसा नहीं करना चाहिए, क्यूंकि गले में धारण करने वाली माला असुद्ध हो जाती है इसीलिए इससे जाप नहीं करना चाहिए|

तुलसी माला जाप मंत्र?

द्वादशाक्षर मंत्र – ॐ नमो भगवते वासुदेवाय इससे आप जाप कर सकते है|

रात्रि में माला से सभी भगवानो का जाप करना चाहिए कि नही?

हां, किया जा सकता है इसमें कोई मनाही नहीं है लेकिन संध्याकाळ में, क्यूंकि आप ईश्वर के लिए और आचे कार्य के लिए जप कर रहे है तो संध्याकाल तक इससे किया जा सकता है रात में नहीं|

क्या कोई ऐसा Electronic उपकरण होता है जिससे कि साधक बिना किसी माला के अपने जप की गणना कर सकता है?

नहीं मित्र, उसके लिए आपको माला से ही जप करना चाहिए जिसे आप गिन सकते है|

स्फटिक की माला से ऊँ नमः शिवाय का जाप कर सकते है?

वैसे तो प्रायः ॐ नमः शिवाय के लिए रुद्राक्ष उचित है लेकिन शंकर भगवान तो स्वयं स्फटिक में भी मिलते है तो स्फटिक से भी किया जा सकता है|

एक दिन में अधिकतम कितनी माला जप सकते हैं?

वैसे तो जप आपकी इक्छा अनुसार किया जाता है क्यूंकि जो जप करते है प्रायः उनकी और बाकी लोगो की जप छमता अलग अलग होती है वैसे आप चाहे तो शुरुआत 11 माला से कर सकते है और जब आपकी छमता बढ़ जाए तो उसके अनुसार सुनिश्चित करें |

जाप करने की माला को क्यों नहीं धारण करना चाहिए?

क्यूंकि अशुद्ध या अपवित्र हो जाती है इसलिए इससे जप करना उचित नहीं है|

विष्णु भगवान का माला जाप का मंत्र बताएं?

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

एक ही माला से अलग अलग देवता का जाप हो सकता है?

नहीं, शास्त्रों में हर देवताओ की अलग अलग माला सुनिश्चित की गयी है जैसे विष्णु जी के लिए तुलसी माला, शिव जी के लिए रुद्राक्ष माला, देवी जी के लिए रक्तचंदन माला, बगुलामुखी देवी की हल्दी माला से जाप किया जाता है इसलिए उचित चुनाव करें|

धारण की हुई माला से जाप किया जा सकता है क्या?

नहीं, या असुद्ध या अपवित्र हॉट जाती है इसलिए इससे जप करना उचित नहीं है|

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1 thought on “माला जप करने के फायदे और माला जाप के नियम|”

  1. सुमन अहरि

    अद्भुत पोस्ट, सारे सवालों का उत्तर हमें अपने पोस्ट से मिल गया.. धन्यवाद

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