वैसे तो सभी रुद्राक्ष और बहुत ही शुद्ध है और इनके दर्शन मात्र ही बहुत लाभदायी होता है और कई मान्यताएं तो ऐसी है की इनका दर्शन ही बहुत शुभ होता है | तो चलिए अब जानते है है अष्टमुखी रुद्राक्ष के बारे में और अष्ट मुखी रुद्राक्ष के फायदे | रुद्राक्ष क्या है और उत्पत्ति कैसे हुई और इसका महात्म्य क्या है इसके लिए आप यहाँ पर भी जाकर पढ़ सकते है |
आठ मुखी या अष्टमुखी रुद्राक्ष |
आठ मुखी या अष्ट मुखी रुद्राक्ष पर आठ धारियाँ होती हैं। अष्टमुखी रुद्राक्ष गणेश भगवान स्वरूप है। भगवान गणेश सभी देवों में प्रथम पूज्य हैं।
अष्टमुखी रुद्राक्ष को अष्टमूर्ति (पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि, आकाश, सूर्य, चन्द्र और यजमान) रूप साक्षात् शिव शरीर माना जाता है। मानव—भगवान की बनायी आठ प्रकृति (भूमि, आकाश, जल, अग्नि, वायु, मन, बुद्धि, अहंकार) के आधीन रहता है।
अष्टमुखी रुद्राक्ष धारण करने से आठों प्रवृत्तियाँ सहयोग प्रदान करती हैं, जिससे आठों दिशाओं में विजय प्राप्त होती है। जिस प्रकार सात मुखी रुद्राक्ष पहनने वालों की रक्षा सात मातायें करती हैं, उसी प्रकार अष्टमुखी धारण करने वाले की रक्षा आठ देवियाँ करती हैं।
इसको धारण करने से गणेश भगवान की कृपा बनी रहती है, जिससे लेखन-कला, ऋद्धि-सिद्धि आदि की प्राप्ति होती है तथा दुर्घटनाओं एवं शत्रुओं से रक्षा होती है, प्रेत बाधा का डर नहीं रहता।
यह साहस तथा शक्ति प्रदान करता है। अष्टभुजी देवी माँ जिस प्रकार दानवों का विनाश करती हैं उसी प्रकार अष्टमुखी धारक के विरोधी या तो समाप्त हो जाता है या उनका मन बदल जाते है तथा वह उससे अपनी शत्रुता समाप्त कर लेते हैं।
अष्टमुखी रुद्राक्ष को भैरव भगवान का स्वरूप भी माना जाता है। इसके बारे में मान्यता है कि इसको धारण करके कोर्ट-कचहरी के मामलों में असफलता का मुँह नहीं देखना पड़ता तथा दैविक, दैहिक तथा भौतिक कष्टों का अन्त होता है।
अष्टमुखी रुद्राक्ष धारण करने से अन्न, धन तथा स्वर्ण की वृद्धि होती है। दुष्ट स्त्री, गुरु-पत्नी गमन के पापों से मुक्ति मिलती है तथा यह मनुष्य को अन्तर्मुखी बनाकर उसके जीवन की समस्त उथल-पुथल समाप्त कर नीचे से ऊपर उठने का मार्ग प्रशस्त करता है, जिससे धारक को परम सुख प्राप्त होता है।
अन्य पढने योग्य – रुद्राक्ष क्या है? | रुद्राक्ष- मान्यता व महात्म्य | रुद्राक्ष उत्पत्ति की प्राचीन कथा |
मूल्य आठ मुखी रुद्राक्ष
नेपाली – 600 रु० – 1,200 रु० तक