Aarti Yugal Kishore ki – आज हम स्मरण कर रहे है भगवान श्री कृष्ण के युगल किशोर रूप जिनकी छवि के विषय में यहाँ तो वर्णन नहीं किया जा सकता लेकिन अगले पोस्ट में हम विष्टार से वर्णन करेंगे तो चलिए स्मरण करें “आरती युगल किशोर की”
आरती युगल किशोर की कीजै ।
तन मन धन न्यौछावर कीजै । टेक ।
रवि शशि कोटि बदन की शोभा ।
ताहि निरखि मेरौ मन लोभा । आ० १
गौर श्याम मुख निरखत रीझे ।
हरि स्वरूप नयन भर पीजे । आ० २
कञ्चन थार कपूर की बाती ।
हरि आए निर्मल भई छाती । आ० ३
फूलन की सेज फूलन गल माला ।
रत्न सिंहासन बैठे नन्दलाला । आ० ४
मोर मुकुट कर मुरली सोहे ।
नटवर वेष देख मन मोहे । आ० 4
ओढ़े नील पीत पट सारी ।
कुञ्ज बिहारी नटवर धारी । आ० ६
श्री पुरुषोत्तम गिरबर धारी ।
आरती करत सकल ब्रज नारी । आ० ७
नन्दनन्दन वृषभानु किशोरी ।
परमानन्द प्रभु अविचल जोरी । आ० ८
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