नमस्ते नरसिंहाय
प्रह्लादाह्लाद-दायिने
हिरण्यकशिपोर्वक्षः-
शिला-टङ्क-नखालये
इतो नृसिंहः परतो नृसिंहो
यतो यतो यामि ततो नृसिंहः
बहिर्नृसिंहो हृदये नृसिंहो
नृसिंहमादिं शरणं प्रपद्ये
तव करकमलवरे नखमद्भुत-शृङ्गं
दलितहिरण्यकशिपुतनुभृङ्गम्
केशव धृतनरहरिरूप जय जगदीश हरे ।
* नृसिंह आरती की अंतिम तीन पंक्तियाँ श्री दशावतार स्तोत्र से उद्धृत की गईं हैं।
Narasimha Aarti ISKCON
Namaste Narasimhaya
Prahladahlada-dayine
Hiranyakasipor Vakshahsila-
Shila-tanka-nakhalaye
Ito Nrisimhah Parato Nrisimho
Yato Yato Yami Tato Nrisimhah
Bahir Nrisimho Hridaye Nrisimho
Nrisimham Adim Saranam Prapadye
Tava Kara-kamala-vare Nakham Adbhuta-sringam
Dalita-hiranyakasipu-tanu-bhringam
Kesava Dhrita-narahari-rupa Jaya Jagadisa Hare ।
* The last three lines of Narsingha Aarti are quoted from Sri Dasavatara Stotra.
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