गायत्री माता की आरती | Gayatri Mata Ki Aarti
आरती श्री गायत्री जी की ।
ज्ञान दीप और श्रद्धा की बाती,
सो भक्ति ही पूर्ति करै जहँ घी की ।
आरती श्री गायत्री जी की ।
मानस की शुचि थाल के ऊपर,
देवि की जोति जगै, जहँ नीकी ।
आरती श्री गायत्री जी की ।
शुद्ध मनोरथ के जहाँ घण्टा,
बाजै करें आसहु ही की
आरती श्री गायत्री जी की ।
जाके समक्ष हमें तिहुँ लोक कै,
गद्दी मिले तबहूँ लगे फीकी ।
आरती श्री गायत्री जी की ।
आरती प्रेम सो नेम सों करि,
ध्यावहिं मूरति ब्रह्म लली की ।
आरती श्री गायत्री जी की ।
संकट आवैं न पास कबौ तिन्हें,
सम्पदा औं सुख की बनै लीकी ।
आरती श्री गायत्री जी की ।
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गायत्री मंत्र इन हिंदी में?
गायत्री मंत्र – ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।
गायत्री मंत्र का हिंदी में अर्थ क्या है?
उस प्राणस्वरुप, दुखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा का हम ध्यान करें, वह परमात्मा हमारी बुद्धि को संमार्ग में प्रेरित करे.
गायत्री मंत्र के फायदे क्या क्या है?
हमारे धार्मिक ग्रंथों के अनुसार कि विद्या की कामना रखने वाले विद्यार्थियों के लिए गायत्री मंत्र बहुत लाभदायक है। कहते है कि रोजाना इस मंत्र का यदि 108 बार जाप किया जाये तो किसी भी प्रकार की विद्या प्राप्त करने में आसानी होती है। पढ़ाई में मन लगने लगता है और एक बार में ही पढ़ा हुआ सब याद हो जाता है।
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