नवरात्रि में पूजन और विभिन्न कार्यों में उपयोगी सप्तशती के सिद्धमन्त्र जिनका स्मरण करना अनिवार्य माना गया है। (Saptsati Siddh Mantra) इसके साथ ही आप दुर्गा सप्तशती हवन विधि भी पढ़ सकते है
1. दारिद्रय दुःखादि नाश के लिए
दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तोः स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि ।
दारिद्रय दुःख भयहारिणी का त्वदन्या सर्वोपकार करणाय सदाऽऽर्द्रचित्ता ॥
2. सब प्रकार के कल्याण के लिए
सर्वमङ्गल मङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके ।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तुते ॥
3. आरोग्य और सौभाग्य की प्राप्ति की लिए
देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम् ।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि ॥
4. सुलक्षणा पत्नी की प्राप्ति के लिए
पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानु सारिणीम् ।
तारिणीं दुर्ग संसार सागरस्य कुलोद्भवाम ॥
5. महामारी-नाश के लिए
जयन्ती मङ्गला काली भद्रकाली कपालिनी ।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते ॥
सिद्ध मंत्र क्या होते है?
जिन्हें पूर्णरूप से पूजन द्वारा सिद्ध किया गया हो वे मंत्र सिद्ध मंत्र कहलाते है
मंत्र सिद्ध कैसे होते है?
कड़ी तपस्या और पूर्ण विधि विधान द्वारा ही मन्त्रों को सिद्ध किया जा सकता है अन्यथा नहीं
माता के मंत्र सिद्ध कैसे करें?
माता का मंत्र सिद्ध करना सबके बस की बाद नहीं है विशेष साधना के बाद माता के मंत्र सिद्ध होते है – किसी जानकर व्यक्ति से संपर्क अवश्य करें
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