(Hanuman Chalisa Benefits) श्री हनुमान चालीसा की प्रत्येक चौपाई स्वयं सिद्ध मंत्र है, इन चौपाइयों में ऐसा स्पंदन है जिसका मानव के तन- मन पर सकारात्मक/ शुभ प्रभाव पड़ता है जैसे-:
आध्यात्मिक बल-:
- कहते हैं कि आध्यात्मिक बल से ही आत्मिक बल प्राप्त होता है और आत्मिक बल से ही हम शारीरिक बल प्राप्त करके हर तरह के रोग से लड़कर उस पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से मन और मस्तिष्क में आध्यात्मिक बल प्राप्त होता है। हनुमान जी को बल, बुद्धि और विद्या के दाता कहा जाता है, इसलिए हनुमान चालीसा का प्रतिदिन पाठ करना आपकी स्मरण शक्ति और बुद्धि में वृद्धि करता है। साथ ही आत्मिक बल भी मिलता है।
मनोबल बढ़ाती है हनुमान चालीसा-:
- नित्य हनुमान चालीसा पढ़ने से पवित्रता की भावना का विकास होता है हमारा मनोबल बढ़ता है।व्यक्ति का मनोबल ऊंचा रहेगा तो सभी संकटों से निजात मिलेगी। हनुमान चालीसा की एक पंक्ति हैं- अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता, असवर दिन जानकी माता।
अकारण भय व तनाव मिटता-:
- श्री हनुमान चालीसा में एक पंक्ति है- भूत पिशाच निकट नहीं आवे महावीर जब नाम सुनावे। या सब सुख लहै तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहू को डरना। यह चौपाई मन में अकारण भय हो तो समाप्त कर देती है। हनुमान चालीसा का पाठ आपको भय और तनाव से छुटकारा दिलाने में बेहद कारगर है।
हर तरह का रोग मिटता-:
- हनुमान चालीसा में एक पंक्ति है- नासै रोग हरे सब पीरा, जपत निरन्तर हनुमत बीरा। या बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार। अर्थात किसी भी प्रकार का रोग हो आप बस श्रद्धापूर्वक हनुमानजी का जाप करते रहे। हनुमान जी आपकी पीड़ा हर लेंगे। कैसे भी कलेस हो अर्थात कष्ट हो, वह सम्पात हो जाएगा। श्रद्धा और विश्वास की ताकत होती है। मतलब यह कि दवा के साथ दुआ भी करें। हनुमान जी की कृपा से शरीर की समस्त पीड़ाओं से आपको मुक्ति मिल जाएगी।
हर तरह का संकट मिटता-:
- आप किसी भी प्रकार का शारीरिक संकट या मानसिक संकट आया हो या प्राणों पर यदि संकट आ गया हो तो यह पंक्ति पढ़ें- “संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।” या “संकट तें हनुमान छुड़ावै, मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।” यह आपके भीतर नए सिरे से आशा का संचार कर देगी।
बंधन मुक्ति का उपाय-:
- कहते हैं कि यदि आप नित्य 100 बार हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं तो हर तरह के बंधन से मुक्त हो जाते हैं। वह बंधन भले ही किसी रोग का हो या किसी शोक का हो। हनुमान चालीसा में ही लिखा है- “जो सत बार पाठ कर कोई, छूटहि बन्दि महा सुख होई।” सत अर्थात सौ।
नकारात्माक प्रभाव होते हैं दूर-:
- मान्यता के अनुसार निरंतर हनुमान चालीसा पढ़ने से हमारे घर, मन और शरीर से नकारात्मक ऊर्जा का निष्कासन हो जाता है। निरोगी और निश्चिंत रहने के लिए जीवन में सकारात्मकता की जरूरत होती है। सकारात्मक ऊर्जा व्यक्ति को दीर्घजीवी बनाती है।
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बुराइयों से दूर करती है हनुमान चालीसा-:
(Hanuman Chalisa Benefits)
- यदि आप नित्य हनुमान चालीसा पढ़ रहे हैं तो निश्चित ही आप धीरे धीरे स्वत: ही तरह तरह की बुराइयों से दूर होते जाएंगे। जैसे कुसंगत में रहकर नशा करना, और क्रोध, मोह, लोभ, ईर्ष्या, मद, काम-वासना जैसे मानसिक विकार स्वत: समाप्त हो जाएंगे। जब व्यक्ति बुराइयों से दूर रहता है तो धीरे-धीरे उसकी मानसिक और शारीरिक सेहत सुधरने लगती है।
पुनश्च:- नित्य हनुमान चालीसा पढ़ने से आपमें आध्यात्मि बल, आत्मिक बल और मनोबल बढ़ता है। इसे पवित्रता की भावना महसूस होती है। शरीर में हल्कापन लगता है और व्यक्ति खुद को निरोगी महसूस करता है। इससे भय, तनाव और असुरक्षा की भावना हट जाती है। जीवन में यही सब रोग और शोक से मुक्त होने के लिए जरूरी है।अतः पवित्रता शुद्धता व पूरे विश्वास के साथ प्रतिदिन नियम से हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए
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