श्री हनुमान पताका का रहस्य और इसका दुर्लभ प्रयोग | Hanuman Pataka

हनुमान जी के किसी भी चित्र में देखें तो पाएंगे की उनके हाथ में सदा गद्दा और झण्डा रहता है। झण्डे पर लिखा होता है। श्रीराम। महाभारत युद्ध के समय हनुमान जी अर्जुन के रथ के झण्डे पर विराजित थे। उन्होंने अजुर्न की पग-पग पर रक्षा करी और उसे विजय दिलवाने में उनका बहुत बड़ा योगदान था। आईए जानें हनुमान पताका का रहस्य।

शास्त्रनुसार कौरव-पांडव युद्ध के दौरान भगवान श्रीकृष्ण के आदेशानुसार अर्जुन के रथ पर स्वयं पवनपुत्र विराजित हुए। जैसे ही महाभारत युद्ध समाप्त हुआ तभी भीम और दुर्योधन के बीच गद्दा युद्ध प्रारंभ हुआ। गद्दा युद्ध में भीम ने दुर्योधन को हरा दिया। दुर्योधन को मृतवस्था में छोड़कर सभी पांडव के शिविर में लौट आए।

तब भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को संबोधित करते हुए कहा। हे पार्थ! सर्वप्रथम तुम अपने गांडीव धनुष और अक्षय तरकस को लेकर रथ से उतर जाओ। अर्जुन ने श्रीकृष्ण के निर्देश का पालन किया। इसके बाद भगवान कृष्ण भी रथ से उतर गए।

भगवान कृष्ण के रथ से उतरते ही अर्जुन के रथ पर धव्ज पर विराजे हनुमानजी भी रथ को छोड़कर उड़ गए। तभी अर्जुन का रथ जल कर भस्म हो गया। इस दृश्य को देख अर्जुन ने भगवान कृष्ण से रथ के जलने का कारण पूछा।

तब भगवान कृष्ण ने अर्जुन को संबोधित करते हुए कहा। हे पार्थ। तुम्हारा रथ तो अनेक दिव्यास्त्रों के प्रहार से पहले ही जल चुका था, मात्र मेरे तथा पवनपुत्र हनुमानजी के तुम्हारे रथ पर विराजे रहने के कारण ही अब तक यह भस्म नहीं हुआ था। हे अर्जुन! जब तुम्हारा युद्ध का कर्तव्य पूरा हो गया, तभी मैंने व हनुमानजी से इस रथ को त्याग दिया। अतः तुम्हारा रथ अभी भस्म हुआ है।

इसे भी पढ़ें – कथा: भक्त और भगवान का संबंध | Bhakt Aur Bhagwan!

आप भी लाल रंग के तिकोने झण्डे पर श्रीराम लिखकर घर की छत पर लगाएं। इस तरह हनुमान जी को अपने घर बुलाएं और फिर देखें होंगे कैसे अनोखे चमत्कार। जिस तरह हनुमान जी ने अर्जुन के रथ की रक्षा करी उसी तरह वह आपके भी घर की रक्षा करेंगे।

ज्योतिषीय दृष्टिकोण से ध्वजा अर्थात पताका अर्थात त्रिकोण झण्डा केतू ग्रह को संबोधित करता है। शास्त्रों में केतू ग्रह को मोक्ष का ग्रह बताया गया है। काल पुरुष सिधान्त के अनुसार केतू का स्थान आकाश में हवा में लहरते हुए स्थित होता है। केतू का स्वरूप त्रिकोण है। लाल रंग की त्रिकोण पताका व्यक्ति की देह की रक्षा करता है। लाल रंग की त्रिकोण पताका (Hanuman Pataka) के कुछ विशेष उपाय इस प्रकार हैं।

  1. कोर्ट-कचहरी के पचड़ों में फंसे हों तो घर की छत पर पश्चिम दिशा में लाल त्रिकोण पताका लगाएं।
  2. प्राणों पर किसी भी तरह का संकट मंडरा रहा हो तो हनुमान मंदिर के कलश पर लाल त्रिकोण पताका लगाएं।
  3. परीक्षा में अच्छे अंक पाने की कामना पूर्ण करना चाहते हो तो मंगलवार के दिन हनुमान जी को तिकोना झण्डा चढ़ाएं।
  4. अपना घर बनाने की इच्छा पूर्ण न हो पा रही हो या संपत्ति से संबंधित कोई भी कार्य हो तो मंगलवार को लाल रंग के तिकोने झण्डे पर श्रीराम लिखकर हनुमान मंदिर में चढ़ाएं।

इसे भी पढ़ें – भारत का एकमात्र हनुमान मंदिर जहाँ उनकी पत्नी के साथ पूजा होती है


भगवानम डॉट कॉम पर हमने आपके लिए कुछ नए भाग भी जोडें है जिससे आपको और भी अन्य जानकारियां प्राप्त होती रहे जैसे | पौराणिक कथाएं | भजन संध्या | आरती संग्रह | व्रत कथाएं | चालीसा संग्रह | मंत्र संग्रह | मंदिर संग्रह | ब्लॉग | इन्हें भी पढ़ें और अपने विचार हमें कमेंट में बताये जिससे हम समय पर अपडेट करते रहे। हमसे जुड़ने के लिए फॉलो करें यू ट्यूब चेनलइन्स्टाग्राम और फेसबुक से।

Scroll to Top