आरती श्री राधा जी की | Radha Rani Ji Ki Aarti

संसार को प्रेम और प्रीति का अर्थ सिखाया, राधा अष्टमी, और राधा जी के पूजन के बाद की जाने वाली स्तुति, तो आइये स्मरण करिए आरती श्री राधा जी की :-

आरती श्री राधा जी की Radha Rani Ji Ki Aarti | Radhe Shri Radhe

जै जै राधे जू मैं शरण तिहारी।

लोचन आरती जाऊँ बलिहारी ।।

पाट पटंबर ओढ़े नील सारी।

सीस के सैंदुर जाऊँ बलिहारी ।।

रतन सिंहासन बैठे श्री राधे ।

आरती करें हम पिय संग जोरी ।।

झलमल झलमल मानिक मोती।

अब लक मुनि मोहि प्रिय संग जोरी ।।

श्री राधे पद पंकज भगति की आशा।

दास मनोहर करत भरोसा ।।

राधा कृष्ण की जाऊँ बलिहारी ।।


इसे भी पढ़ें – आरती श्री कृष्ण चन्द्र जी की | आरती श्री सत्यनारायण जी की | श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी भजन


भगवानम डॉट कॉम पर हमने आपके लिए कुछ नए भाग भी जोडें है जिससे आपको और भी अन्य जानकारियां प्राप्त होती रहे जैसे | पौराणिक कथाएं | भजन संध्या | आरती संग्रह | व्रत कथाएं | चालीसा संग्रह | मंत्र संग्रह | मंदिर संग्रह | ब्लॉग | इन्हें भी पढ़ें और अपने विचार हमें कमेंट में बताये जिससे हम समय पर अपडेट करते रहे। हमसे जुड़ने के लिए फॉलो करें यू ट्यूब चेनलइन्स्टाग्राम और फेसबुक से।

Scroll to Top