मेरा नाथ तू हैं नहीं मैं अकेला लिरिक्स / Mera Nath Tu hai Mai Nahi Akela / Indresh Ji Maharaj

मेरा नाथ तू हैं नहीं मैं अकेला यह सुन्दर भजन इन्द्रेश जी महाराज के स्वर में गाया हुआ है जो की एक कथावाचक और संगीतकार दोनों है बहुत सुन्दर और मधुर भजन (Mera Nath Tu hai Mai Nahi Akela) इन्द्रेश उपाध्याय जी के मधुर स्वर में लिरिक्स प्रस्तुत है तो आइये स्मरण करें इस मुग्ध कर देने वाले भजन को :-

पढ़िए प्रसिद्द कथावाचक और संगीतकार इंद्रेश जी महाराज भजन लिरिक्स और कथा संवाद (Indresh ji Maharaj Bhajan Lyrics)

मेरा नाथ तू हैं नहीं मैं अकेला,
मेरे साथ तू हैं मेरा नाथ तू हैं ।।

चला जा रहा हूँ मैं राहों पे तुम्हारी,
राहों पे आए जो तूफान भारी,
थामे हुए हैं मेरा हाथ तू हैं,
नहीं मैं अकेला, मेरे साथ तू हैं,
मेरा नाथ तू हैं ।।

तेरा दास हूँ मैं तेरे गीत गाऊँ,
तुझे भूल के भी ना कभी भूल पाऊँ,
तू ही हैं तात-बंधू, पिता-माता तू हैं,
नहीं मैं अकेला, मेरे साथ तू हैं,
मेरा नाथ तू हैं ।।

ठाकुर हैं तू मैं तेरा पुजारी,
तेरा खेल हूँ मैं तू मेरा खिलाड़ी,
मेरी जिंदगी की हर एक बात तू हैं,
नहीं मैं अकेला, मेरे साथ तू हैं,
मेरा नाथ तू हैं ।।

लिरिक्स – इंद्रेश उपाध्याय जी (वृन्दावन)

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