आरती रघुवर लाला की | Aarti Raghuvar Lala Ki Lyrics

आरती रघुवर लाला की | Aarti Raghuvar Lala Ki Lyrics

आरती रघुवर लाला की ।
सांवरिया नैन विशाला की ।
कमल कर धनुष बाण धरे ।
सलौंने नैना रतनारे ।
छवि लख कोटि काम हारे ।
अलक की बलन पलक की चलन, पीत पट हलन, लटक सुन्दर वन माला की…

संग सिया सोभा कीं खानी ।
बिराजे जगत जननि रानी
प्रेम भक्ति रस कीं दानी ।
भरत से वीर लखन रणधीर ।
प्रजा की भीर शत्रुघन रूप रसाला की…

सदा तुम दीनन हितकारी ।
अधम केवट शबरी तारी ।
गिद्ध की कर्म गति न्यारी ।
सुरन को ईश, कौशलाधीश ।
रक्ष जगदीश, शम्भु हृदय सुख पाला की…

चरण चापत अंजनी को लाल ।
प्रेम रस बाँटत दीनदयाल ।
बरस रही पुष्पों की जयमाल ।
भक्त भय हरण सदा सुख करण । हरी ले शरण, जानकी नाथ कृपाला की….

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