अजा एकादशी व्रत कथा महात्म्य | Aja Ekadashi Vrat Katha.

Aja Ekadashi Vrat Katha – एकादशी व्रत कथा और पूजन को लेकर बहुत से प्रश्न लोगों के मन में रहते हैं इस वर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की जया / अजा एकादशी व्रत 23 अगस्त 2022 दिन मंगलवार को आ रही है इस दिन त्रिपुष्कर योग भी बन रहा है जो की दिनक 23 को 11.38 दिन से रात्रि अंत तक रहेगा  |

चलिए आपको बताते है इस एकादशी का क्या नाम है तथा इसके व्रत का क्या विधि विधान है एवं इसका व्रत करने से किस फल की प्राप्ति होती है?

अथ अजा एकादशी व्रत कथा महात्म्य | अजा एकादशी का महत्त्व

अर्जुन ने कहा हे केशव! मैंने श्रावण शुक्ल एकादशी अर्थात पुत्रदा एकादशी का सविस्तार वर्णन सुना। अब आप कृपा करके मुझे भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी के विषय में भी बतलाइये। इस एकादशी का क्या नाम है तथा इसके व्रत का क्या विधान है? इसका व्रत करने से किस फल की प्राप्ति होती है?

कुन्ती पुत्र युधिष्ठिर बोले कि हे जनार्दन! अब आप मुझे भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी के बारे में बतलाइये उस एकादशी का क्या नाम है तथा इसकी क्या विधि है। सो सब विस्तार पूर्वक कहिये ।

श्री कृष्ण बोले कि हे राजन भादों की कृष्ण पक्ष की एकादशी को अजा कहते हैं। इसके व्रत करने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं । जो मनुष्य इस दिन भगवान की भक्ति ‘पूर्वक पूजा करते हैं। तथा व्रत करते हैं उनके समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं इस लोक और परलोक में सहाय करने वाली इस एकादशी व्रत के समान विश्व में दूसरी एकादशी नहीं है।

इस एकादशी की कथा इस प्रकार है । प्राचीन काल में एक चक्रवर्ती राजा राज्य करता था उसका नाम हरिश्चन्द्र था वह अत्यन्त वीर प्रतापी तथा सत्यवादी या उसने अपनी स्त्री तथा पुत्र को बेच डाला। वह स्वयं एक चांडाल का सेवक बन गया। उसने उस चांडाल के यहां कफन लेने का काम किया । परन्तु उसने इस आपत्ति के काम में भी सत्य को न छोड़ा ।

जब इस प्रकार रहते हुये उसको बहुत वर्ष हो गये तो उसे अपने इस नीच कर्म पर बड़ा दुःख हुआ और वह इससे मुक्त होने का उपाय खोजने लगा । वह उस जगह सदैव इसी चिता में लगा रहता था कि मैं क्या करूं एक समय जब कि वह चिंता कर रहा था गौतम ऋषि आये। राजा ने इन्हें देखकर प्रणाम किया और अपनी दुःख की कथा सुनाने लगे ।

महर्षि ऋषि राजा के दुःख से पूर्ण वाक्यों को सुनकर अत्यन्त दुःखी हुये और राजा से बोले कि हे राजन! भादों के कृष्णपक्ष में एक एकादशी होती है। एकादशी का नाम अजा है । तुम उसी अजा नामक एकादशी का विधि पूर्वक व्रत करो तथा रात्रि को जागरण करो इससे तुम्हारे समस्त पाप नष्ट हो जायेंगे ।

गौतम ऋषि राजा से इस प्रकार कह कर अंत. र्ध्यान हो गये ।

अजा नाम की एकादशी आने पर राजा ने मुनि के कहे अनुसार विधि पूर्वक व्रत तथा रात्रि जागरण किया ।

उसी व्रत के प्रभाव से राजा के समस्त पाप नष्ट हो गये । उस समय स्वर्ग में नगाड़े बजने लगे तथा पुष्पों की वर्षा होने लगी। उसने अपने सामने ब्रह्मा, विष्णु इन्द्र महादेवजी आदि देवताओं को खड़ा पाया ! उसने अपने मृतक पुत्र को जीवित तथा स्त्री को वस्त्र तथा आभूषणों से युक्त देखा ।

व्रत के प्रभाव से उसको पुनः राज्य मिला अन्त समय अपने परिवार सहित स्वर्ग लोक को गया ।

हे राजन! यह सब अजा एकादशी के व्रत का प्रभाव था ।

जो मनुष्य इस व्रत को विधि विधान पूर्वक करते हैं तथा रात्रि जाग रण करते हैं उनके समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और अन्त समय में स्वर्ग को जाते हैं इस एकादशी की कथा के श्रवण मात्र से ही अश्व मेघ यज्ञ का फल मिलता है |


आरती ॐ जय जगदीश हरे | Aarti Om Jai Jagdish Hare.

ओ३म् जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे ।

भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे । ओ३म्…

जो ध्यावे फल पावे, दुख बिनसे मन का, स्वामी दुख…।

सुख-सम्पति घर आवे, कष्ट मिटे तन का। ओ३म्…।

मात-पिता तुम मेरे शरण गहूँ किसकी, स्वामी शरण… ।

तुम बिन और न दूजा, आस करूँ जिसकी । ओ३म्…।

तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी, स्वामी तुम…।

पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी। ओ३म्…

तुम करुणा के सागर, तुम पालनकर्ता, स्वमी तुम…

मै मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता । ओ३म्…

तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति, स्वामी सब… ।

किस बिधि मिलूँ दयामय तुमको मैं कुमति। ओ३म्…

दीनबन्धु दुखहर्ता, तुम रक्षक मेरे, स्वामी तुम… ।

अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे । ओ३म्…

विषय-विकार मिटाओ, पाप हरो देवा, स्वामी पाप… ।

श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा। ओ३म्…

तन, मन, धन सब तेरा, स्वामी सब कुछ है तेरा…।

तेरा तुझको अर्पण, क्या लागे मेरा। ओ३म्…

जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे ।

भक्तजनों के संकट, क्षण में दूर करे। ओ३म्…


अजा एकादशी व्रत कब है?

अजा एकादशी व्रत 23 अगस्त 2022 दिन मंगलवार को है |

एकादशी में किसकी पूजा होती है ?

एकादशी में प्रभु श्री हरी के भिन्न भिन्न रूपों की पूजा और अर्चना की जाती है ?


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