दीपावली पूजन विधि मंत्र सहित | Diwali Puja Vidhi, Samagri & Mantra.

Diwali Puja vidhi – यदि दीपावली के दिन आप विधि विधान और सच्चे मन के साथ पूजन विधि सामग्री का चयन करके निचे बताये गए तरीके से पूजन लक्ष्मी गणेश प्रार्थना करते है तो आपके जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहती है।

वैसे दिवाली के इस पावन त्यौहार में सबसे अधिक महत्व लक्ष्मी जी के पूजन का विशेष होता है। पुराणों में कथित है कि यह विशेष दिन माता लक्ष्मी की पूजा विधि विधान के साथ करने से घर में सुख समृद्धि सदैव बनी रहती है और कभी भी धन की अपूर्णता नहीं होती है। आपके भण्डार हमेशा भरे रहते है तभी तो पूजा के बाद सारे घर में पूजन की आरती दिखने का भी महत्त्व हमारे बुजुर्गों ने बड़ा प्रताप बताया है।

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दीपावली पूजन सामग्री की सूची – Diwali Puja Samagri List.

अच्छा पूजन के समय एक जरुरी बात सामग्री में किसी भी तरह की भूल-चूक न हो इसके लिए पहले से ही पूजा की सामग्री की सूची तैयार अवश्य कर लें। ताकि ऐसा करने से पूजा के समय गलती की संभावना न रहे और पूरे विधि-विधान के साथ पूजा संपन्न होती है।

(Diwali Puja) दिवाली पूजा के दिन लक्ष्मी-गणेश की पूजा का सबसे अधिक महत्व होता है। मान्यता है कि यदि आप सच्चे मन और विधि विधान से पूजा और माता लक्ष्मी जी की आरती करते हैं, तो धन की देवी माता लक्ष्मी और बुद्धि के देवता गणेश जी आपसे सदैव प्रसन्न रहेंगे। अर्थात उनकी कृपा से प्रभाव से आपका पूरा वर्ष अच्छा बीतेगा और आप पर लक्ष्मी-गणेश जी की कृपा बनी रहेगी। क्या आप जानते है दिवाली की रात सर्वार्थ सिद्धि की रात मानी जाती है इस इसमें सर्वार्थ सिद्धि योग भी होता है। ऐसे में शुभ मुहूर्त पर विधि-विधान के साथ पूजन करने से जीवन में खुशियां आती हैं। इसके लिए सबसे जरूरी है कि आपके पास पूजन की सभी सामग्री मौजूद हो।  आपने सुना भी होगा जो कार्य पुरे वर्ष नहीं होता उसे दीपावली की रात्रि को उजागर किया है जिसमे बुरी शक्तियां शामिल होती है।

दीपावली पूजन सामग्री | Diwali Puja Samagri list in hindi.

प्र.दीपावली पूजन सामग्री लिस्ट
1.लकड़ी की चौकी
2.चौकी को ढकने के लिए लाल या पीला वस्त्र
3.देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियां/चित्र
4.कुमकुम, चंदन, हल्दी, रोली, अक्षत
5.पान और सुपारी
6.साबुत नारियल अपनी भूसी के साथ
7.अगरबत्ती और धूप बत्ती
8.दीपक के लिए घी
9.पीतल का दीपक या मिट्टी का दीपक
10.कपास की बत्ती
11.पंचामृत, गंगाजल, पुष्प, फल
12.कलश
13.पूजा के लिए जलआम के पत्ते, कपूर, कलावा
14.आम के पत्ते, कपूर, कलावा
15.साबुत गेहूं के दाने
16.दूर्वा घास, जनेऊ, धूप
17.एक छोटी झाड़ू
18.दक्षिणा (नोट और सिक्के)
19.आरती की थाली
20.लक्ष्मी गणेश पूजन के लिए प्रतिमा

दिवाली लक्ष्मी पूजा विधि – Diwali Laxmi Puja Vidhi.

दिवाली पूजन विधि 2022 (Diwali Puja Vidhi at Home 2022)

दीपावली यह पर्व मुख्य रूप दे श्री गणेश और लक्ष्मी पूजा के निहित है और यह इसीलिए ख़ास मन जाता है और इस दिन जो भी विधि-विधान के साथ पूजन करें तो ये आपके जीवन में समृद्धि के मार्ग खुल जाएंगे और आपकी सभी मनोकामना पूरी होती है।

  • दिवाली के दिन मुख्य रूप से माता लक्ष्मी और गणेश जी का पूजन किया जाता है। उनके पूजन के लिए सबसे पहले आप पूजा स्थान को साफ़ करें और एक चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं। 
  • चौकी पर लक्ष्मी और गणेश की मूर्ति स्थापित करें। यदि संभव हो तो नई मिट्टी की मूर्ति स्थापित करें और गणेश जी के दाहिनी तरफ माता लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें। 
  • इनके साथ भगवान कुबेर, मां सरस्वती और कलश की भी स्थापना करनी चाहिए। 
  • पूजा स्थान पर गंगाजल छिड़कें और चौकी पर भी थोड़ा गंगाजल डालें। हाथ में लाल या पीले फूल लेकर गणेश जी का ध्यान करें और उनके बीज मंत्र – ऊँ गं गणपतये नम:का जाप करें। 
  • सर्वप्रथम आपको गणेश जी के मंत्रों का जाप और पूजन करना चाहिए।
  • भगवान गणपति का पूजन ‘गजाननम् भूत भू गणादि सेवितं कपित्थ जम्बू फलचारुभक्षणम्। उमासुतं सु शोक विनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपाद पंकजम्। इस मंत्र का जाप करें। 
  • गणेश जी को तिलक लगाएं और उन्हें मुख्य रूप से दूर्वा तथा मोदक अर्पित करें। 
  • माता लक्ष्मी का पूजन भी भगवान गणपति के साथ करें उसके लिए माता लक्ष्मी को लाल सिंदूर का तिलक लगाएं और मां लक्ष्मी के श्री सूक्त मंत्र का पाठ करें।  इनके साथ आप धन कुबेर और मां सरस्वती का पूजन करें। 
  • लक्ष्मी और गणेश जी का विधि विधान से पूजन करने के बाद मां काली का पूजन भी रात्रि में किया जाता है। 
  • पूजन के बाद माता लक्ष्मी और गणेश जी की आरती करें और भोग अर्पित करें। 
  • आरती के आबाद भोग परिवार जनों में वितरित करें। 
  • लक्ष्मी और गणेश जी के पूजन के बाद दीये प्रज्वलित करें। सबसे पहले आप लक्ष्मी जी के सामने 5 या 7 घी के दीये प्रज्वलित करें। 

दीवाली में पूजन के महत्त्व – Benefits of Diwali puja.

दीवाली में पूजन के महत्त्व - Benefits of Diwali puja.

दिवाली के दिन गणेश पूजन का महत्व :-

गणपति को प्रथम पूजनीय होने का वरदान प्राप्त है और उन्हें बुद्धि के देवता के रूप में पूजा जाता है, ऐसी मान्यता है कि हिंदुओं में किसी भी पूजन को सम्पूर्ण तभी माना जाता है जब गणपति का पूजन सबसे पहले होता है। दिवाली के दिन गणपति के पूजन से मन और मस्तिष्क को शांति मिलती है और बुद्धि के देवता अपने भक्तों को सद्बुद्धि का वरदान देते हैं।

लोग इस दिन इसलिए करते हैं जिससे वो अपने धन का इस्तेमाल सही जगह और सामर्थ्य अनुसार कर पाएं। लोग इसी प्रार्थना के साथ दीपावली पर गणपति की पूजा करते हैं कि उन्हें सद्बुद्धि का आशीष मिले। 

गणेश जी का मंत्र स्तुति (Diwali Puja Mantra)

खर्वं स्थूलतनुं गजेन्द्रवदनं लम्बोदरं सुन्दरंप्रस्यन्दन्मदगन्धलुब्धमधुपव्यालोलगण्डस्थलम् |
दन्ताघातविदारितारिरुधिरैः सिन्दूरशोभाकरंवन्दे शैलसुतासुतं गणपतिं सिद्धिप्रदं कामदम् ॥
ॐ श्रीगणेशाय नमः |

भावार्थ:- जो नाटे और मोटे शरीरवाले हैं, जिनका गजराजके समान मुख और लम्बा उदर है, जो सुन्दर हैं तथा बहते हुए मदकी सुगन्धके लोभी भौंरोके चाटने से जिनका गण्डस्थल चपल हो रहा है, दाँतोंकी चोट से विदीर्ण हुए शत्रुओंके खूनसे जो सिन्दूरकी-सी शोभा धारण करते हैं, कामनाओंके दाता और सिद्धि देनेवाले उन पार्वतीके पुत्र गणेशजीकी मैं वन्दना करता हूँ |

दिवाली में लक्ष्मी पूजन का महत्व :-

दिवाली के दिन मुख्य रूप से माता लक्ष्मी और गणपति का पूजन किया जाता है, जिसका विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन विधि विधान से यदि पूजन नहीं किया जाए तो पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है। दरअसल इसके पीछे की मान्यता है कि मां लक्ष्मी धन की देवी हैं और उनकी पूजा से धन तथा ऐश्वर्य मिलता है।

दिवाली का पर्व कार्तिक अमावस्या के दिन होता है और इस दिन धन की देवी को प्रसन्न करने से समृद्धि का आशीष मिलता है। जो लोग माता लक्ष्मी की इस दिन पूजा करते हैं उनकी समस्त मनोकामनाओं को पूर्ति होती है और उनके जीवन से कभी भी धन और ऐश्वर्य कम नहीं होता है। 

माँ लक्ष्मी मंत्र – Diwali Puja Mantra.

ॐ श्रीं ह्रीं श्री कमले कमलालयै मम प्रसीद-प्रसीद वरदे श्रीं ह्रीं श्री महालक्ष्म्यै नम: ||
ॐ श्रीं श्रियै नम: स्वाहा |

महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं सुरेश्वरी |
हरी प्रिये नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं दयानिधे ||

सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्तिप्रदायिनि |
मन्त्रपूते सदा देवि महालक्ष्मि नमोस्तु ते ॥

भावार्थ:- सिद्धि, बुद्धि और भक्ति फल दयानी मोक्ष प्रदान करने वाली, मनोवांछित फल प्रदायनी हे माता महालक्ष्मी मैं आपको प्रणाम करता हूँ॥

लक्ष्मी गणेश पूजन की विधि – Laxmi Ganesh Pujan Vidhi.

दिवाली की सफाई के बाद घर के हर कोने को साफ करके  गंगाजल छिड़कें। 

लकड़ी की चौकी पर लाल सूती कपड़ा बिछाएं और बीच में मुट्ठी भर अनाज रखें। 

कलश को अनाज के बीच में रखें। 

कलश में पानी भरकर एक सुपारी, गेंदे का फूल, एक सिक्का और कुछ चावल के दाने डालें।

कलश पर 5 आम के पत्ते गोलाकार आकार में रखें। 

बीच में देवी लक्ष्मी की मूर्ति और कलश के दाहिनी ओर भगवान गणेश की मूर्ति रखें। 

एक छोटी-सी थाली में चावल के दानों का एक छोटा सा पहाड़ बनाएं, हल्दी से कमल का फूल बनाएं, कुछ सिक्के डालें और मूर्ति के सामने रखें दें। 

इसके बाद अपने व्यापार/लेखा पुस्तक और अन्य धन/व्यवसाय से संबंधित वस्तुओं को मूर्ति के सामने रखें। 

अब देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश को तिलक करें और दीपक जलाएं। इसके साथ ही कलश पर भी तिलक लगाएं। 

अब भगवान गणेश और लक्ष्मी को फूल चढ़ाएं। इसके बाद पूजा के लिए अपनी हथेली में कुछ फूल रखें। 

अपनी आंखें बंद करें और दिवाली पूजा मंत्र का पाठ करें। 

हथेली में रखे फूल को भगवान गणेश और लक्ष्मी जी को चढ़ाएं। 

लक्ष्मीजी की मूर्ति लें और उसे पानी से स्नान कराएं और उसके बाद पंचामृत से स्नान कराएं। 

मूर्ति को फिर से पानी से स्नान कराकर, एक साफ कपड़े से पोछें और वापस रख दें। 

मूर्ति पर हल्दी, कुमकुम और चावल डालें। माला को देवी के गले में डालकर अगरबत्ती जलाएं। 

नारियल, सुपारी, पान का पत्ता माता को अर्पित करें। 

देवी की मूर्ति के सामने कुछ फूल और सिक्के रखें। 

थाली में दीया लें, पूजा की घंटी बजाएं और लक्ष्मी जी की आरती करें।

आरती – माता लक्ष्मी और गणेश जी आरती – Aarti Laxmi Ganesh ji ki.

पूजा सम्पूर्ण होने के बाद आरती की थाली सजा कर तैयार करे और जल अर्पित करे, हल्दी चंदन सिन्दूर चढ़ाइए और फूल छोडें फिर आरती हाँथ में लेकर प्रार्थना करें |

गणेश जी की आरती – Ganesh Ki Aarti – दिवाली मंत्र (Diwali Puja Mantra)

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ||

एक दंत दयावंत चार भुजाधारी |
माथे पर तिलक सोहे, मुसे की सवारी |

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ||

पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा |
लड्डुवन का भोग लगे, संत करे सेवा ||

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ||

अंधन को आंख देत, कोढ़ियन को काया |
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ||

सुर श्याम शरण आये सफल कीजे सेवा ||

जय गणेश देवा जय गणेश जय गणेश देवा |
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ||

गणेश जी की आरती – Ganesh Ji Aarti Diwali Puja | Diwali Puja Aarti

लक्ष्मीजी की आरती – Laxmi ji ki Aarti – दिवाली मंत्र (Diwali Puja Mantra)

ॐ जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता….

उमा, रमा, ब्रम्हाणी, तुम जग की माता
सूर्य चद्रंमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता….

दुर्गारूप निरंजन, सुख संपत्ति दाता
जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि सिद्धी धन पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता….

तुम ही पाताल निवासनी, तुम ही शुभदाता
कर्मप्रभाव प्रकाशनी, भवनिधि की त्राता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता….

जिस घर तुम रहती हो, ताँहि में हैं सद्गुण आता
सब सभंव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता….

तुम बिन यज्ञ ना होता, वस्त्र न कोई पाता
खान पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता….

शुभ गुण मंदिर, सुंदर क्षीरनिधि जाता
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता….

महालक्ष्मी जी की आरती, जो कोई नर गाता
उर आंनद समाता, पाप उतर जाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता….

स्थिर चर जगत बचावै, कर्म प्रेर ल्याता
तेरा भगत मैया जी की शुभ दृष्टि पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता….

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता,
तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता….

माता लक्ष्मी का मंत्र क्या है? 

“ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नम: ” यह माता लक्ष्मी बीज मंत्र है इस मंत्र का यदि कोई नियमित जप करता है तो उसके जीवन में आर्थिक तंगी नहीं रहती और जीवन में सौभाग्य की वर्ष बड़ी रहती है|

महा लक्ष्मी मंत्र क्या है ?

“ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ”

दिवाली में लक्ष्मी मंत्र कैसे सिद्ध करें?

दिवाली में लक्ष्मी मंत्र कैसे सिद्ध करें – ऊँ नमः विष्णुप्रियाय, ऊँ नमः शिवप्रियाय, ऊँ नमः कामाक्षाय ह्रीं ह्रीं श्रीं श्रीं फट् स्वाहा। इसकी प्रयोग विधि है – धूप-दीप से पूजन और नैवेद्य अर्पित करके इस मंत्र का सवा लाख जप करें, लक्ष्मी का आगमन व चमत्कार प्रत्यक्ष दिखाई देगा। प्रत्येक कार्य सफल होगा, लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी।

महालक्ष्मी को प्रसन्न कैसे करें?

यदि हर शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी जी के मंदिर में शंख, कोड़ी, कमल का फूल, मखाने, बताशे, खीर और गुलाब का इत्र चढ़ाया जाए तो मां लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं और आशीर्वाद बनाये रखती है|

कर्ज मुक्ति के लिए दिवाली मंत्र ?

महालक्ष्मी मंत्र: “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्ये नम:” 

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