जानिए एक मुखी रुद्राक्ष के फायदे |

इस भाग में आप जानेंगे एक मुखी रुद्राक्ष के बारे में और जैसा की आपने हमारी पिछली पोस्ट “रुद्राक्ष क्या है? | रुद्राक्ष- मान्यता व महात्म्य | रुद्राक्ष उत्पत्ति की प्राचीन कथा और रुद्राक्ष का महात्म्य | रुद्राक्ष का महत्व प्राचीन कथा” में पढ़ लिया होगा की रुद्राक्ष के फायदे और प्रमाण क्या है, वैसे हमने अपनी यह जानकारी बिलकुल सूची के अनुसार बना कर राखी है जिससे आपको किसी भी प्रकार से परेशानी न हो लेकिन यदि आपको इनकी एक पूरी सूची देखनी है तो यहाँ पर जायें और पूरी सूची एक साथ देखें|

चलिए आगे बढ़ते है अपने पोस्ट एक मुखी रुद्राक्ष के बारे में….

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एक मुखी रुद्राक्ष से चौदह मुखी तक रुद्राक्ष !!

रुद्राक्ष पेड़ के फल की गुठली होती है। इस गुठली पर प्राकृति रूप से कुछ सीधी धारियाँ होती है, ये धारियाँ स्पष्ट रूप से दिखायी देती हैं। इन धारियाँ की गिनती के आधार पर ही रुद्राक्ष मुख गणना होती है। जैसे किसी रुद्राक्ष पर चार धारियाँ हैं तो वह रुद्राक्ष चार मुखी रुद्राक्ष कहलायेगा ।

प्राय: रुद्राक्ष एकमुखी से चौदह मुखी तक पाये जाते हैं। इसके बाद पन्द्रह से इक्कीस मुखी रुद्राक्ष भी होते हैं, परन्तु ये बहुत ही कम मिल पाते हैं। एक से चौदह मुखी तक रुद्राक्ष आसानी से असली प्राप्त किये जा सकते हैं। प्रत्येक मुखदार रुद्राक्ष की अपनी अलग-अलग उपयोगिता तथा महत्त्व हैं। ग्रन्थों के अनुसार, प्रत्येक रुद्राक्ष का वर्णन है |

एक मुखी रुद्राक्ष |

एक मुखी रुद्राक्ष में एक प्राकृतिक धारी होती है। एकमुखी रुद्राक्ष को परब्रह्म माना जाता है। इसे साक्षात् भगवान शिव का ही रूप माना जाता है, इसमें स्वयं भगवान शिव ही विराजते हैं। एक मुखी के विषय में कहा गया है कि इसके दर्शन-मात्र से ही मानव का कल्याण हो जाता है, तो पूजन से या धारण से क्या नहीं हो सकता होगा? यह ब्रह्म-हत्या जैसे महापाप को नष्ट करता है। जिस घर में यह होता है उस घर में लक्ष्मी विशेष रूप से विराजती हैं। यह धारणकर्त्ता को सभी प्रकार के नुकसान तथा भय से दूर रखता है, जिसके साथ स्वयं भगवान शिव रहते हों उसे भला क्या प्राप्त नहीं हो सकता है। एक मुखी रुद्राक्ष सर्वोत्तम, सर्वमनोकामना-सिद्धी, फलदायक और मोक्षदाता है।

इसे सभी रुद्राक्षों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इसे धारण करने से सभी प्रकार अनिष्ट दूर हो जाते हैं, चाहे वह परिस्थितिवश हों अथवा दुश्मन जनित् । एक मुखी रुद्राक्ष को पूजने से मनवांछित फल प्राप्त होता है। जिसके गले में या पूजन में एक मुखी रुद्राक्ष है उस व्यक्ति के शत्रु खुद परास्त हो जाते हैं।

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दुर्लभ होता है एक मुखी रुद्राक्ष |

एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने से अवश्य ही पुण्य उदय होता है। एक मुखी रुद्राक्ष मानसिक शान्ति देकर मानव के समस्त पाप तथा संकट हर लेता है इसमें कोई शक नहीं है तथा यह प्रमाणित है।

एक मुखी रुद्राक्ष अत्यन्त दुर्लभ होता है। यह अन्य रुद्राक्षों के मुकाबले बहुत ही कम तादाद में पैदा होता है तथा नेपाली एक मुखी तो सर्वथा दुर्लभ वस्तु ही है।

असली एकमुखी रुद्राक्ष जो उपलब्ध हैं वह या तो हरिद्वार (हिमालय) के जंगलों में अथवा रामेश्वरम् के जंगलों में पैदा होते हैं। इसमें भी रामेश्वरम में जो रुद्राक्ष पैदा होता है वह अर्द्ध-चन्द्राकार अथवा काजू आकार का होता है तथा हरिद्वार (हिमालय) में जो पैदा होता है यह बिल्कुल गोल नहीं लगभग गोल-जैसा ही होता है।

कीमत के मामले में हरिद्वार (हिमालय) का गोल रुद्राक्ष रामेश्वरम के अर्द्ध-चन्द्राकार के मुकाबले काफी महँगा होता के है। एक मुखी रुद्राक्ष के दोनों ओर सोने की टोपी मढ़वाकर धारण करना उत्तम है। यह पूजन के लिये भी अति उत्तम है।

इसे आप अपने पूजन स्थान पर चाँदी की तस्तरी या सिंहासन पर रखकर प्रतिदिन पूजा सकते हैं। हरिद्वार का एक मुखी रुद्राक्ष अन्य एक मुखी रुद्राक्षों से बेहतर फल देने वाला होता है।

नोट- एक मुखी और 14 मुखी का प्रभाव एक जैसा ही है। एक मुखी न मिले तो चौदह मुखी रुद्राक्ष पहनना या पूजन करना चाहिये। विशेष – एक मुखी रुद्राक्ष गल्ले में रखने से गल्ला कभी धन से खाली नहीं होता है ।

मूल्य एक मुखी रुद्राक्ष

हरिद्वारी (हिमालय) – 2,500 रु० से 5,000 रु० तक । रामेश्वरम् – 500 रु० से 1,000 रु० तक ।


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