गुरु पुष्यामृत योग नक्षत्र, जानिए क्या होता है विशेष इसमें ? Guru Pushyamrit Yog

24 अक्टूबर 2024 गुरुवार | 24 अक्टूबर 2024 गुरुवार

गुरु व पुष्य नक्षत्र के संयोग से बनने वाला योग गुरु पुष्यामृत योग के नाम से जाना जाता है। (Guru Pushyamrit Yog) धनतेरस और दिवाली से पहले गुरु पुष्य नक्षत्र 24 अक्टूबर 2024 को है। इस दिन अहोई अष्टमी का व्रत भी रखा जाएगा। गुरु पुष्य नक्षत्र में खरीदी गई वस्तु लंबे समय तक उपयोगी रहती है। और दीपावली के आसपास गुरु पुष्य नक्षत्र बनना काफी दृष्टि से लाभकारी माना गया है

2024 का आखिरी गुरु पुष्य नक्षत्र मुहूर्त-:

  • इस साल का आखिरी गुरु पुष्य नक्षत्र 24 अक्टूबर 2024 को सुबह 06.15 मिनट से शुरू होगा और इसकी समाप्ति 25 अक्टूबर 2024 को सुबह 7.40 मिनट पर होगी. ऐसे में 24 अक्टूबर का पूरा दिन खरीदारी के लिए श्रेष्ठ है।

गुरु पुष्य नक्षत्र है समृद्धिदायक-:

  • गुरु ग्रह और पुष्य नक्षत्र, धन, समृद्धि और ज्ञान के प्रतीक माने जाते हैं इस वजह से दोनों के संयोग से बनने वाला यह योग बेहद शुभकारी होता है। इस पर मां लक्ष्मी, शनि देव और भाग्य के कारक बृहस्पति की कृपा रहती है। यही वजह है कि गुरु पुष्य नक्षत्र में किए गए कार्य फलदायी और समृद्धि प्रदान करने वाले होते हैं।

पुष्य नक्षत्र में कौन सी वस्तु खरीदें- Guru Pushyamrit Yog

  • इस नक्षत्र के देवता बृहस्पति हैं, जिनका मुख्य तत्व सोना है. ऐसे में गुरु पुष्य योग में सोना खरीदना शुभ होता है और आगे चलकर लाभदायक रहता है।
  • पुष्य नक्षत्र पर शनि के प्रभाव के कारण गाड़ी- वाहन, फैक्ट्री के लिए नई मशीन, लैपटॉप, टीवी, फ्रिज इत्यादि खरीदना भी लाभदायक माना जाता है।
  • चंद्र के प्रभाव से चांदी की खरीदारी भी शुभ मानी जाती है। इस दिल चांदी के सिक्के खरीदना या चांदी के बर्तन इत्यादि खरीदना शुभ माना जाता है.
  • गुरु पुष्य नक्षत्र में भूमि, जमीन, घर, भवन, गाड़ी खरीदना शुभ होता है।
  • इस दिन दुकान में दक्षिणावर्ती शंख की स्थापना करने से धन आगमन होता है।
  • बच्चों का विद्यारंभ संस्कार करने के लिए गुरु पुष्य नक्षत्र का दिन श्रेष्ठ है।
  • इस दिन किसी यंत्र का निर्माण करना व उसकी स्थापना करना शुभ माना जाता है जैसे श्रीलक्ष्मी यंत्र, “श्री यंत्र” इत्यादि।

गुरु पुष्यामृत के विशेष महत्व – Guru Pushyamrit Yog

  • गुरु पुष्य अमृत योग में वृद्ध जनों की सेवा करना काफी शुभ माना गया है अतः इस दिन किसी वृद्धावस्था में जाकर दान पुण्य कर सकते हैं।
  • गुरु पुष्यामृत योग में किसी विद्वान ब्राह्मण को दान- दक्षिणा देना भी शुभ फलदाई माना गया है। इस दिन किसी सात्विक व भगवान भक्त ब्राह्मण को दान-पुण्य कर सकते हैं।
  • गुरु पुष्यामृत योग में मंत्र जप- पूजा- पाठ- अनुष्ठान इत्यादि के लिए भी श्रेष्ठ माना गया है। अतः इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु जी की उपासना व हनुमान जी की उपासना करना उनके मित्रों का जाप करना और गीता जी, श्री विष्णु सहस्त्रनाम, सुंदरकांड इत्यादि के पाठ करना काफी कल्याणकारी माने गए हैं।

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