नए वर्ष 2023 की शुभ शुरुआत कैसे करें | How to Start a Happy New Year 2023

New Year 2023 : नए साल 2023 की शुरुआत कुछ ऐसी चीजों के साथ करें जो आपके जीवन में गुडलक लेकर आ सकती हैं. ऐसा कहते हैं और हमारे यहाँ मान्यता भी है अगर नए वर्ष की शुरुआत में कुछ अच्छा और नया किया जाए तो उसका प्रभाव पूरे वर्ष तक हमे प्रभावित करता है जैसे कोई नयी आदत या नियम अपनाते है।

धर्म के साथ करें नव वर्ष 2023 शुरुआत
How to Start a Happy New Year 2023

धर्म के साथ मतलब है की हमने पूरे साल कुछ भी किया हो, लेकिन प्रकृत्ति सभी को एक और मौका देती है और यदि आप इस दिन को वही दूसरा मौका समझ कर चले तो आपका आने वाला समय बहुत अच्छा हो सकता है इसी विषय में हमारी चर्चा पंडित श्री नंद कुमार जी हुई जिसमे उन्होंने केवल हमें कुछ ही शब्दों में कृतग्य कर दिया, गुरूजी के अनुसार उन्होंने आचरण की बातों और अच्छे आचरण पर विचार करने की बातें बताई है जिसे हम नीचे विस्तार में लिख रहे है लेकिन समय आभाव के चलते गुरूजी ने कहा यदि आप नए वर्ष में आगे बढ़ने और अपनी सोच की शक्ति को बढ़ाना और दृढ़ निश्चयी बनाना चाहते है तो वर्ष की शुरुआत इस श्री गणेश इस संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ करके पाएं जीवन में सुख-समृद्धि‍ –

संकटनाशन गणेश स्तोत्र

भगवान गणेश विघ्नहर्ता हैं, विद्यादाता हैं, धन-संपत्ति देने वाले हैं. इस तरह गौरीपुत्र गणपति जीवन की हर परेशानी को दूर करने वाले हैं ख़ास कर छात्रों के लिए भी यह विशेष उपयोगी है संकटनाशन गणेश स्तोत्र :-

– संकटनाशन गणेश स्तोत्र प्रारंभ –

॥ श्री गणेशायनमः ॥
नारद उवाच –
प्रणम्यं शिरसा देव गौरीपुत्रं विनायकम ।
भक्तावासं: स्मरैनित्यंमायु:कामार्थसिद्धये ॥1॥

प्रथमं वक्रतुंडंच एकदंतं द्वितीयकम ।
तृतीयं कृष्णं पिङा्क्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम ॥2॥

लम्बोदरं पंचमं च षष्ठं विकटमेव च ।
सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्ण तथाष्टकम् ॥3॥

नवमं भालचन्द्रं च दशमं तु विनायकम ।
एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम ॥4॥

द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्य य: पठेन्नर: ।
न च विघ्नभयं तस्य सर्वासिद्धिकरं प्रभो ॥5॥

विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम् ।
पुत्रार्थी लभते पुत्रान् मोक्षार्थी लभते गतिम् ॥6॥

जपेद्वगणपतिस्तोत्रं षड्भिर्मासै: फलं लभेत् ।
संवत्सरेण सिद्धिं च लभते नात्र संशय: ॥7॥

अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वां य: समर्पयेत ।
तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादत: ॥8॥

॥ इति श्रीनारदपुराणे संकष्टनाशनं गणेशस्तोत्रं सम्पूर्णम्‌ ॥


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अच्छे आचरण के विषय में बच्चों के लिए गुरूजी द्वारा बताई गयी बातें नए साल 2023 में

जिस तरह हम अपने बच्चों के परवरिश का ध्यान रखते है हमें भी ठीक उसी तरह अपने आचरण का ध्यान भी रखना चाहिए और नए साल की शुरुआत में खुद के लिए संकल्पित होना चाहिए।

कई बार हम इन बातों को नजरअंदाज कर देते हैं कि बच्चों को अच्छे आचरण और शालीन व्यवहार सिखाना भी हमारा ही फर्ज है। आज का बच्चा कल देश का नागरिक बनेगा। अगर उन्हें अच्छे आचरण के बारे में नहीं बताया गया तो वह समाज में एक अभद्र व्यक्ति और खराब व्यवहार के साथ बड़ा होगा।

नीचे हम आपको 10 ऐसे आचरण के बारे में बता रहे हैं, जो आपको अपने बच्चे को जरूर सिखाना चाहिए। यह परवरिश का ही एक हिस्सा है, ताकि वह आगे चलकर समाज का एक अच्छा इंसान बन सके।

बड़ों का सम्मान करना –

बड़ों का सम्मान एक ऐसा आचरण है जो धीरे-धीरे समाज से खत्म हो रहा है। एक समय था जब उम्र में छोटे लोग बड़ों के सामने बैठते तक नहीं थे। अपने बच्चे को अच्छे आचरण सिखाते समय इस बात का ध्यान जरूर रखें।

माफी मांगना सीखें –

किसी को सॉरी कहने का यह मतलब नहीं कि आप कमजोर हैं, बल्कि यह आपके मजबूत चरित्र को दर्शाता है। बच्चे के लिए आप खुद मिसाल बनें और उन्हें सिखाएं कि रिश्ते बहस से बढ़ कर होते हैं।

खाने के तौर तरीके पर ध्यान दें –

तरीके अपने बच्चे को खाने के तौर तरीके सिखाना न भूलें। युवावस्था में उन्हें जो चीजें सिखाई जाएगी वह उनके साथ जीवन भर रहेगी। इससे व्यक्ति के चरित्र का पता चलता है। साथ ही यह एक सामाजिक शिष्टाचार भी है।

जुबान न चलायें –

बच्चे की परवरिश के दौरान हम कई बार कठोरता से पेश आते हैं। ऐसे में काफी स्वाभाविक है कि बच्चे भी जुबान चलाने लगते हैं। लेकिन हमें बच्चों को बताना चहिए कि यह एक खराब आचरण है और यह पेरेंट के प्रति असम्मान भी दर्शाता है।

प्लीज एंड थैंक यू का उपयोगिता समझें –

 कुछ ऐसे बच्चे भी होते हैं जो प्लीज और थैंक यू नहीं कहते हैं। बच्चों को ऐसा कहना जरूर सिखाएं और उनके लिए खुद एक उदाहरण बनें।

बुरी सांगत से बचें –

हर स्कूल में एक दो गुंडा बदमाश जैसे लड़के होते हैं। अगर हम उनसे नफरत करते हैं तो हमें अपने बच्चों को भी उनसे दूर रहने की नसीहत देनी चाहिए। उन्हें दूसरों को समझना और उनका सम्मान करना सिखाएं।

बराबरी करने की होड़ में न रहे –

बच्चों की परवरिश के दौरान उन्हें बताएं कि वह लोगों के रंग, नस्ल और लिंग के आधार पर किसी तरह का भेदभाव न करे। उन्हें अपनी जिंदगी के जरिए ये सिखाएं कि हर किसी को बराबरी का हक होता है। बच्चे को सिखाने का यह एक महत्वपूर्ण आचरण है।

दूसरों के साथ खुद जैसा व्यवहार करें-

बच्चों को सिखाएं​कि वह खुद के साथ जिस तरह का व्यवहार करता है, दूसरों के साथ भी वैसा ही व्यवहार करे। इससे कोई भी उनके साथ बुरा बर्ताव नहीं करेगा। इससे बच्चा हर अच्छे सामाजिक गुणों के साथ बड़ा होगा।

दूसरों की प्रशंसा करने की आदत डालें –

पेरेंट को बच्चे के अच्छे व्यवहार और तरह-तरह के प्रयासों की प्रशंसा करनी चाहिए। इससे बच्चा दूसरों की प्रशंसा करना सीखेगा। पर उन्हें यह भी सिखाएं कि वह किसी की झूठी प्रशंसा न करे।

कमजोरों की मदद करना सीखें –

बच्चे आपका ही अनुसरण करते हैं। अपने बच्चे को अच्छे आचरण और नैतिक मूल्य सिखाएं। उन्हें कमजोर और जरूरतमंदों के प्रति दया भाव रखना सिखाएं।


ऊपर लिखी गयी बातों को यदि हम अपने अन्दर आचरण में लायें और आरम्भ कर दें तो अपने जीवन को नयी दिशा मिलेगी, गुरूजी की इन्ही बातों को विराम देते हुए हम और हमारी सम्पूर्ण भगवानमडॉट कॉम की ओर से आपको नए वर्ष 2023 की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं, ईश्वर आप पर सदैव अपनी कृपा बनाये रखे || जय श्री राम – जय महाकाल ||

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