मकर संक्रांति 2022 में क्या है विशेष और शुभ मुहूर्त |

दोस्तों कई बार ग्रहों और सूर्य की चल के चलते मकर संक्रांति के पर्व को लेकर असमंजस रहती है मकर संक्रांति 14 को रहेगी या 15 को किस दिन को मनाई जाएगी और कब इसका शुभ महूर्त रहेगा | तो ऐसे में नए साल में मकर संक्रांति 2022 का पर्व एक दिन नहीं बल्कि 2 दिन मनाया जायेगा और मकर संक्रांति में आपको पता ही होगा दान का बहुत महत्त्व होता है, तो ऐसे में हम आपको राशी के अनुसार दान की लिस्ट भी बतायेंगे जिससे आपको आसानी होगी |

इस पर्व में कुछ न कुछ दान करना चाहिए, इससे अत्यंत शुभ फल मिलता है और हमारे जीवन की नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मकता बढती है तो आइये जानते है मकर संक्राति का महत्त्व और शुभ मुहूर्त क्या रहेगा इस पोस्ट में आपको बहुत ही महत्पूर्ण जानकारी आपको मिलने वाली है तो पोस्ट को पूरा अवश्य पढ़ें|


मकर संक्रांति 2022 महत्त्व और संयोग|

दोस्तों अगर हम बात करें मकर संक्रांति की तो इस बार मकर संक्रांति 2022 में विशेष संयोग भी बन रहा है दुनिया के अलग अलग देशों में अलग अलग परम्पराओं के साथ मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया जाता है वैसे तो इस बार मकर संक्राति की शुरुआत 14 जनवरी से होगी लेकिन 15 जनवरी तक भी इसको मनाया जायेगा|

सूर्य के उत्तरायण होने का पर्व मकर संक्रांति इस बार 14 तरीक को होगा धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव धनु राशी से निकलकर मकर राशी में प्रवेश करते है और इस बार 14 जनवरी को दोपहर 2. 32 मिनट सूर्य देव का मकर राशी में प्रवेश होगा और इसके चलते पुण्यकाल सूर्य अस्त 5. 55 मिनट तक 3. 37 मिनट रहेगा|

और इस बार मकर संक्रांति का वाहन बाघ और उपवाहन अस्व और हाथों मे गदा होने का भी अनुमान लगाया गया है जो की गदा रुपी शस्त्र है|

 ज्योतिर्वेदों के अनुसार मकर संक्रांति का सामान्य फल विद्वान् और शिक्षित के लिए लाभ दायक रहेगा|

अनिष्टकारी न होने के कारन भी भय और चिंता का वातावरण भी निर्मित हो सकता है साथ ही महंगाई पर नियन्त्रण बना रहेगा|

मत्मनान्तर के मुताबित मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को भी मनाया जायेगा|

ज्योतिर्वेद आचार्य के अनुसार मकर संक्रांति इस बार पौष शुक्ल और ब्रम्ह योग के मंगलकारी संयोग में मनाई जाएगी|

इस दिन रोहिणी नक्षत्र भी रहेगा जो की बहुत ही शुभ होने की सम्भावना बनाता है|

जैसा कि शास्त्रों में उल्लेख है सूर्य अस्त होने से पहले जिस दिन सूर्य राशी में परिवर्तन करता है उसी दिन उसका पर्व माना जाता है|

इसके चलते विश्वविजय, निर्णय सागर चिंताहन आदि पंचांगों में पर्व 14 जनवरी का बताया जा रहा है लेकिन इसके अलावा उदय तिथि की महत्ता के अनुसार 15 जनवरी को भी मकर संक्रांति स्नान दान मत मतान्तर के साथ लोग करेंगे जो की शुभ ही है|

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राशि के अनुसार करें मकर संक्रांति 2022 में दान - Makar Sankranti 2022- bhagwanam.com

राशि के अनुसार करें मकर संक्रांति 2022 में दान|

जैसा की आप जानते है मकर संक्रांति में दान का विशेष महत्त्व होता है तो ऐसे में आप भी राशिनुसार दान कर सकते है चलिए हम आपको बताते है कौन सा दान किस राशी के जातकों के लिए उचित और महत्वपूर्ण रहेगा और विशेष फलदायी होगा|

मकर व कुम्भ राशी – इन राशि वाले जातकों को इस दिन काले तिल का दान अवश्य करना चाहिए जो की अत्यंत शुभ फल दाई रहेगा साथ ही आप जरूरतमंद को कम्बल भी दान कर सकते है जिससे राहु के अशुभ प्रभाव दूर होते है|

मेष तुला सिंह और मिथुन राशि– इस राशि के जातकों के अशुभ प्रभाव से निजात पाने के लिए भी कम्बल दान करना चाहिए जिससे आपके आस-पास की अशुभ शक्तियां आप पर प्रभाव नहीं बना पाएंगी साथ ही यह दान आपके लिए फलदायी भी रहेगा|

वृश्चिक, धनु, और मीन राशि – इन राशि वालों को खिचड़ी और फल का दान करना चाहिए इससे शनि की प्रसन्नता प्राप्त होती है और शनि की कुदृष्टि आपके जीवन से निकल जाती है अगर शनि देव की प्रसन्नता आपके लिए है तो आप यह मान लीजिये की आपके बिगड़े हुए कार्य भी बन सकते है जो कि एक शुभ संकेत है और इसका परिणाम भी शुभ होता है|

वृषभ, कर्क, और कन्या राशी– इन राशि के जातकों को वस्त्र दान करना हितकर होगा ऐसा करने मन में शांति स्थापित होगी लेकिन ध्यान रखें वस्त्र पुराने या इस्तेमाल किये हुए नहीं होने चाहिए नए वस्त्र या कोरे वस्त्र ही दान करें| जिससे आपको लाभ प्राप्त होंगे|

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धनुर्मास खरमास का समापन, मांगलिक कार्यों का श्री गणेश - मकर संक्रांति 2022

धनुर्मास / खरमास का समापन, मांगलिक कार्यों का श्री गणेश |

मित्रों मकर संक्रांति पर्व भी हिन्दुओं के त्योहारों में प्रमुख त्योहार मन जाता है और इस पर्व के साथ ही सारे शुभ और मंगल कार्य भी शुरू हो जाते है क्यूंकि मकर संक्रांति के दिन से ही खरमास भी समाप्त हो जाता है |

आपको बता दें की जब आपको बता दें की पौष मास में सूर्य तुला राशी से निकलकर मकर में प्रवेश करता है उसी समय के काल को हम विशेष संक्रांति या मकर संक्रांति के पर्व के नाम से जानते है और उसे मकर संक्रांति कहा जाता है|

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मकर संक्रांति में खेलों और खिचड़ी का महत्त्व |

मकर संक्रांति 2022 में 14 जनवरी को पड़ रही है और आप जानते होंगे की मकर संक्रांति में खेलों का बहुत महत्त्व होता है इस दिन पतंग को उड़ने की भी प्रथा है और कही कही इसको खिचड़ी के नाम से भी जाना जाता है क्यूंकि कही-कही इस दिन दूध का खिचड़ा भी बनाया जाता है| जो खाने में बहुत स्वादिस्ट होती है अगर अपने इससे पहले ऐसा नहीं किया तो इस बार ऐसा आयोजन जरुर करें और इस मकर संक्रांति 2022 को आयोजन करें|

इस दिन को कहीं कहीं “उत्तरायण” कहा जाता है तो वहीँ यूपी में इस दिन माघ मेले का आयोजन होता है |

इस दिन लोग पवन नदियों में जैसे गंगा, यमुना, नर्मदा जैसी नदियों में स्नान करके खुद को शुद्ध करते है, संगम नगरी और कशी में तो भरी संख्या में स्नान और पूजन करते है और वहीँ यूपी बिहार में इसको खिचड़ी के नाम से भी जाना जाता है|


मकर संक्रांति 2022- जानिए शुभ मुहूर्त तिथि और महत्त्व - Makar Sankranti 2022

मकर संक्रांति 2022- जानिए शुभ मुहूर्त तिथि और महत्त्व |

मकर संक्रांति में इस दिन जो स्नान और दान पुन्य काल का शुभ मुहूर्त रहेगा :-

मकर संक्रांति : 14 जनवरी 2022

पुण्यकाल – 14 जनवरी को दोपहर 2.43 से शाम 5.45 तक अत्यंत शुभ काल रहेगा

पुण्यकाल की कुल अवधी – 3 घंटे 2 मिनट तक रहेगी

मकर संक्रांति के दिन महा पुण्यकाल – 14 जनवरी को दोपहर 2.43 से 4.28 मिनट तक अति शुभ मुहूर्त रहेगा

कुल अवधि – 1 घंटा 45 मिनट तक

और जैसा हमने पहले आपको बताया नाम और राशि अनुसार अगर आप दान करे तो इसी समय पर करें और बहुत ही ज्यादा लाभकारी रहेगा |

इस दिन को कही कही उत्तरायण भी कहा जाया है जैसा की मैं पहले बताया है माघ मेले का आयोजन इस बार कोरोना के चलते प्रशासन शायद आयोजन पर रोक लगायी जाए | लेकिन इस दिन दान करना विशेष फलदायी होता है|

इस दिन उड़द , चावल, तिल , चिवड़ा , गौ स्वर्ण, ऊनि वस्त्र दान करने का रिवाज है | इस दिन लोग घरों में खिचड़ी बनाकर भी खाते है और घरों में तिल और गुड़ के पकवान भी बनाये जाते है | और सूर्य देव को चढ़ाये जाते है|

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मकर संक्रांति का महत्त्व|

मकर संक्रांति के एतिहासिक महत्त्व की बात करें तो भगवान सूर्यदेव यानि भास्कर अपने पुत्र शनि देव से मिलने जाते है और चूँकि शनि देव मकर राशी के स्वामी है और इसीलिए इस दिन को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है वही कुछ लोग यह भी मानते है इस दिन भीष्म पितामह ने अपनी देह त्याग किया था और इसलिए यह दिन पावन कहा जाता है और वही दिन गंगा नदी सागर में जाकर मिलती है तो इसीलिए मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान का महत्त्व भी है तो अलग अलग धार्मिक शास्त्रों के अनुसार मकर संक्रांति का अलग अलग महत्त्व है और मौसम की बात करें तो इसी दिन से भयंकर सर्दी का खत्म हो जाता है और शीत ऋतू का अंतिम चरण प्रारंभ हो जाता है यानि की शर्दी का मौसम समाप्त होने लगता है मकर संक्रांति के पर्व से ही |

मकर संक्रांति से जुड़े हुए कुछ प्रश्न|

मकर-संक्रांति 2022 में कब मनाई जाएगी ?

14 जनवरी 2022 दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी |

मकर-संक्रांति 2022 में पुण्यकाल कब तक रहेगा ?

14 जनवरी दोपहर 2.43 से 5.45 तक रहेगा |

क्या मकर-संक्रांति में खरमास समाप्त हो जाता है ?

जी हां !!

मकर-संक्रांति 2022 में शुभ मुहूर्त कितने समय तक रहेगा ?

इस बार शुभ मुहूर्त 3 घंटे 2 मिनट का रहेगा |

मकर-संक्रांति में किस दान का महत्त्व होता ?

वैसे तो दान को हमेशा गुप्त रखा जाता है परन्तु संक्रांति में तिल एवं गुड़ का विशेष महत्त्व मन जाता है|

चलिए हमारे द्वारा आपको बताई गयी जानकारी आपको कैसी लगी हमें कमेंट में जरुर बताये और इस मकर संक्राति 2022 में दान पुन्य जरुर करें अपनी राशी अनुसार और साथ ही कोरोना के नियमों का भी पालन जरुर करें | स्वस्थ रहे , सुरक्षित रहे|

किसी भी प्रकार की जानकारी या सुझाव के लिए हमसे संपर्क कर सकते है |


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