गंगा माता की आरती-१ Mata Ganga Ji Ki Aarti
ओ३म् जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता,
जो नर तुझको ध्याता, मनवांछित फल पाता। ओ३म् जय..
चन्द्र सी जोत तुम्हारी, जल निर्मल आता,
शरण पड़े जो तेरी, सो नर तर जाता। ओ३म् जय..
पुत्र सगर के तारे, सब जग को ज्ञाता,
कृपा दृष्टि तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता। ओ३म् जय..
एक ही बार जो तेरी शरणागति आता,
यम की त्रास मिटा कर, परमगति पाता। ओ३म् जय..
आरती मात तुम्हारी, जो जन नित्य गाता,
दास वही सहज में मुक्ति को पाता ।
ओ३म् जय गंगे माता। जो नर तुझको ध्याता, मनवांछित फल पाता।
गंगा माता की आरती-२ Mata Ganga Ji Ki Aarti Lyrics
महारानी गंगा मैया, मेरा उद्धार करदे,
कृपा से अपनी माता, बेड़े को पार करदे ।
स्वर्ग से आई मैया, जगत के तारने को,
चरणों में लेले मुझको, इतना उपकार करदे ।
तेरा प्रवाह मैया, पापों का नाश करता,
भक्तों की खातिर मैया अमृत की धार करदे ।
बनके सवाली मैया, आए जो द्वार तेरे,
तू जगदम्बे उसका पूरा भण्डार भरदे ।
‘चमन’ नादान मैया करता सदा विनती,
जगत की जननी सुखिया सारा संसार करदे ।
गंगा नदी कहाँ से कहाँ तक जाती है?
गंगा नदी उत्तराखंड के हिमालय में स्थित गंगोत्री ग्लेशियर में गौमुख नमक स्थान से निकलती है और बंगाल की खाड़ी में मिलती है।
गंगा नदी कितने राज्यों में बहती है?
गंगा नदी 5 राज्यों में बहती है, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, और पश्चिम बंगाल राज्यों से होकर बहती है।
गंगा नदी कितनी लंबी है?
गंगा नदी बंगाल की खाड़ी में जा कर मिलती है जो की लगभग 2525 किलोमीटर का सफ़र होता है।
गंगा नदी किस राज्य में है?
गंगा नदी भारत के उत्तराखंड राज्य में गंगोत्री नमक स्थान में है।
गंगा नदी की गहराई कितनी है?
गंगा नदी की गहराई लगभग 100 फ़ीट यानि 31-33 मीटर है।
गंगा जी का उद्गम स्थल कहाँ है?
गंगा जी का उद्गम स्थल हिमालय के गंगोत्री में है जो की भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित है।
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