ॐ नमः पार्वती पतये हर हर महादेव महामंत्र / Om Namah Parvati Pataye Har Har Mahadev

ॐ नमः पार्वती पतये हर हर महादेव एक ऐसा मंत्र है, जो शिवभक्तों के हृदय की धड़कन के साथ शिव भक्ति में बहुत लोकप्रिय है। Om Namah Parvati Pataye Har Har Mahadev यह मंत्र भगवान शिव और माता पार्वती के दिव्य संगम का प्रतीक है, अर्धनारेश्वर भगवान् की परिकाष्ठा है जो शक्ति और शिव के अद्भुत मिलन को दर्शाता है। जब भी मंत्र उच्चारित किया जाता है, कहते है जब भी मनुष्य इस शिव पार्वती मंत्र के उच्चारण करके हाथ ऊपर करता है और ताली बजाता है तो उसके शरीर एक शक्ति, मन में एक असीम शांति और ऊर्जा का संचार होता है।

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इस मंत्र का जाप करने से मानसिक शांति, आत्मबल और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। ॐ नमः पार्वती पतये हर हर महादेव लिरिक्स में माता पार्वती और शिव के अद्वितीय संबंध की महिमा का बोध होता है। यह मंत्र भक्तों को न केवल आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है, बल्कि उन्हें जीवन के कठिन दौर में साहस और धैर्य भी देता है। यह मंत्र कुछ इस प्रकार से है –

Om Namah Parvati Pataye Har Har Mahadev

ॐ नमः पार्वती पतये, हर-हर महादेव॥
काशी विश्वनाथ गंगे

अर्थ: मैं माता पार्वती के अर्धांग, शिवशंकर को श्रद्धापूर्वक नमन करता/करती हूँ।

यह केवल एक प्रणाम नहीं, बल्कि शिव और शक्ति के दिव्य एकत्व की अनुभूति है। जब हम ॐ नमः पार्वती पतये हर र महादेव लिरिक्स का उच्चारण करते हैं, तो हम शिव को उसी रूप में वंदन करते हैं, जिसमें वे अपनी शक्ति, माता पार्वती के साथ संपूर्ण ब्रह्मांड का संचालन करते हैं। ॐ नमः पार्वती पतये हर हर महादेव केवल एक मंत्र नहीं, बल्कि शिवभक्तों के लिए आस्था, ऊर्जा और आत्मिक शांति का स्रोत है।

यह हमें शिव और शक्ति के दिव्य स्वरूप से जोड़ता है और हमारे भीतर भक्ति, साहस और सकारात्मकता का संचार करता है। जब भी इस मंत्र का जाप किया जाता है, तो मनोबल बढ़ता है, नकारात्मकता दूर होती है और शिव कृपा का अनुभव होता है। जीवन की हर कठिनाई में यह मंत्र हमें शक्ति और मार्गदर्शन देता है।

FAQ – ॐ नमः पार्वती पतये हर हर महादेव महामंत्र

इस मंत्र का जाप क्यों करना सही है ?

इस मंत्र का जाप करने से मानसिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा, आत्मबल और शिव कृपा प्राप्त होती है। यह जीवन के संकटों से उबरने में सहायता करता है।

इस मंत्र का जाप कब करना सही है ?

इस मंत्र का जाप प्रातःकाल और रात्रि में शांत वातावरण में किया जा सकता है। प्रायः पूजन के अंत में इस मंत्र को कहा जाता है, जल, धूप, दीपक और बिल्वपत्र अर्पित कर भगवान शिव की पूजा के साथ जाप करने से विशेष फल मिलता है।

इस मंत्र को महिलाएं भी उच्चारण कर सकती है?

यह मंत्र सभी के लिए है। पुरुष, महिलाएं, बच्चे—कोई भी श्रद्धा और भक्ति से इसका जाप कर सकता है।

इस मंत्र का उच्चारण किस दिन करना चाहिए ?

देखिये भगवान् के स्मरण का कोई दिन नहीं होता है जिस प्रकार व्यक्ति भोजन प्रतिदिन करता है तो फिर स्मरण करने के लिए दिन की आवश्यकता किस लिए? फिर आपके निवारण के लिए श्रावण मास, महाशिवरात्रि, प्रदोष व्रत और सोमवार को इस मंत्र का जाप करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

इस मंत्र के जाप से मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है ?

हां, शिव भक्ति और निरंतर साधना से जीवन-मरण के चक्र से मुक्ति संभव है। यह मंत्र आत्मा को शिव तत्व से जोड़ने में सहायक होता है।


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