पितृ दोष कैसे बनता है निवारण के उपाय (Pitra Dosh ke Upay)

हिन्दू धर्म में पितृ का बहुत महत्त्व बाताया गया है, कहते है जिसके पितृ को शांति नहीं मिलती उस मनुष्य के जीवन में कभी शांति और सफलता आते आते रुक जाती है, कार्य होते होते नही हो पाते तो आप किसी सुयोंग पंडित जी से अवश्य मिलें क्यूंकि यह पितृ दोष के लक्षण भी हो सकते है और यदि ऐसा है तो आपको पितृ दोष के उपाय (Pitra Dosh ke Upay) हम इस पोस्ट के माध्यम से बता रहे है इन्हें समझें और अपनाएं साथ ही सुयोग्य पंडित जी से जानकारी भी लें, इससे सम्बंधित एक गया तीर्थ की कथा प्रचलित है इसका भी श्रवण करे।

पितृ दोष कैसे बनता है (Pitra Dosh Symptoms)

  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब व्यक्ति की कुंडली में दूसरे, चौथे, पांचवे, सातवें, नौंवे और दसवें भाव में सूर्य राहु या सूर्य शनि की युति हो जाती है, या फिर सूर्य पर शनि/ राहु का प्रभाव हो तो पितृ दोष बनता है।
  • लग्नेश यदि छठे आठवें बारहवें भाव में हो व लग्न में राहु हो तो और सूर्य भी जन्म कुंडली में खराब स्थिति में हो तो भी पितृदोष बनता है।
  • यह एक ऐसा दोष होता है जिससे जीवन में परेशानियां बढ़ जाती है। क्योंकि पितृ दोष की वजह से हमारे पितर (पूर्वज) हमारा किसी रूप से सहयोग नहीं कर पाते/और बिना पितरों के आशीर्वाद से परिवार में सुखों का अभाव बना रहता है। पितृ दोष की वजह से आर्थिक, पारिवारिक, सामाजिक, मानसिक, विवाह में बाधा, संतान बाधा आदि सभी तरह की परेशानियां उत्पन्न होती है।

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पितृ दोष के उपाय (Pitra Dosh ke Upay)

  • श्राद्ध पक्ष में पितरों का विधिवत तर्पण करें और श्राद्ध पूरी श्रद्धा से निकाले।
  • संध्या के समय एक दीपक पितरों के नाम का परिंडे में या तुलसी वृक्ष के पास जलाएं।
  • श्राद्ध पक्ष के दौरान पितरों को ध्यान करके गायों की सेवा करें उन्हें गुड, दाना, चारा इत्यादि खिलाएं।
  • पितृ दोष से निजात पाने के लिए किसी पवित्र नदी में काले तिल डालकर तर्पण करे। ऐसा करने से भी पितर प्रसन्न होते हैं।
  • अमावस्या के दिन पितरों का ध्यान करके किसी सुपात्र ब्राह्मण को वस्त्र, अन्न , फल और दक्षिणा देकर उससे आशीर्वाद ले।
  • श्राद्ध पक्ष में व अमावस्या के दिन गीता के पाठ करें, गीता का सातवां अध्याय जरूर पढ़ें और भगवान से पितरों की मुक्ति की प्रार्थना करें।

उपर निम्नलिखित पितृ दोष के उपाय को यदि आपने श्रद्धा के साथ किया तो निश्चित ही आपके पितरों को संतुष्टि और आपको शांति का अनुभव होगा पितृ पक्ष से सम्बंधित श्राद्ध करने के कुछ नियम | पितृ पक्ष ( Pitru Paksha Rules ) भी पढ़ें।


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