श्राद्ध पक्ष में और प्रत्येक अमावस्या व संक्रांति के दिन पितरों को जल अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद परिवार पर बना रहता है। (Pitru Paksha 2024)
पितरों को जल अर्पित करने की विधि इस प्रकार है-:
- श्राद्ध के दौरान, अंगूठे से पितरों को जल अर्पित किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि अंगूठे से जल देने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है।
- पितरों को जल अर्पित करने के लिए, सबसे पहले दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके बैठें।
- हाथों में जल, कुशा, अक्षत, पुष्प, और काले तिल लें।
- दोनों हाथ जोड़कर पितरों का स्मरण करें।
- पितरों को आमंत्रित करें और जल ग्रहण करने की प्रार्थना करें।
- इसके बाद, 5-7 या 11 बार अंजलि से जल धरती पर गिराएं।
- पितरों को जल देते समय ‘ॐ पितृ देवतायै नमः’ मंत्र का जाप करने से भी पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है।
- आप यह मंत्र भी बोल सकते हैं-: “ऊं आगच्छन्तु में पितर एवं ग्रहन्तु जलान्जलिम”।।
(सबसे पहले आप शांति से व अपने पितरों के प्रति श्रद्धा भाव करके बैठिए। फिर आप दाहिनी हथेली की अंजलि में जल लें, अब कुछ दाने काले तिल के लीजिए, पुष्प, अक्षत इत्यादि भी ले सकते हैं। फिर अपने पितरों को याद करते हुए जल को अंगूठे की तरफ से धीरे-धीरे धरती पर छोड़िए। उसके उपरांत पितरों को हाथ जोड़कर प्रणाम करें।) || ॐ पितृ देवतायै नमः||
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