अजब है भोलेनाथ ये दरबार तुम्हारा प्रदीप मिश्रा जी भजन लिरिक्स | Pradeep Mishra Bhajan Lyrics in Hindi.

अजब है भोलेनाथ ये दरबार तुम्हारा भजन लिरिक्स
Pradeep Mishra Bhajan Lyrics in Hindi

अजब है भोलेनाथ ये,

दरबार तुम्हारा,

दरबार तुम्हारा,

भूत प्रेत नित करे चाकरी,

सबका यहाँ गुज़ारा,

अजब है भोलेंनाथ ये,

दरबार तुम्हारा,

दरबार तुम्हारा ॥

बाघ बैल को हरदम,

एक जगह पर राखे,

कभी ना एक दूजे को,

बुरी नज़र से ताके,

कही और नही देखा हमने,

ऐसा गजब नज़ारा,

अजब है भोलेंनाथ ये,

दरबार तुम्हारा,

दरबार तुम्हारा ॥ 

गणपति राखे चूहा,

कभी सर्प नही छुआ,

भोले सर्प लटकाए,

कार्तिक मोर नचाए,

आज का कानून नही है तेरा,

अनुशाशित है सारे,

अजब है भोलेंनाथ ये,

दरबार तुम्हारा,

दरबार तुम्हारा ॥

अजब है भोलेनाथ ये,

दरबार तुम्हारा,

दरबार तुम्हारा,

भूत प्रेत नित करे चाकरी,

सबका यहाँ गुज़ारा,

अजब है भोलेंनाथ ये,

दरबार तुम्हारा,

दरबार तुम्हारा ॥


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