संसार को प्रेम और प्रीति का अर्थ सिखाया, राधा अष्टमी, और राधा जी के पूजन के बाद की जाने वाली स्तुति, तो आइये स्मरण करिए आरती श्री राधा जी की :-

आरती श्री राधा जी की | Radha Rani Ji Ki Aarti
जै जै राधे जू मैं शरण तिहारी।
लोचन आरती जाऊँ बलिहारी ।।
पाट पटंबर ओढ़े नील सारी।
सीस के सैंदुर जाऊँ बलिहारी ।।
रतन सिंहासन बैठे श्री राधे ।
आरती करें हम पिय संग जोरी ।।
झलमल झलमल मानिक मोती।
अब लक मुनि मोहि प्रिय संग जोरी ।।
श्री राधे पद पंकज भगति की आशा।
दास मनोहर करत भरोसा ।।
राधा कृष्ण की जाऊँ बलिहारी ।।
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