कार्तिक माह कृष्णा पक्ष में आ रही है रमा एकादशी व्रत, इस बार बन रहे है कुछ विशेष इंद्रा योग इसके साथ ही शिववास योग का संयोग बताया जा रहा है। रमा एकादशी में साधक की सारी मनोकामनाएं भगवान विष्णु करते है पूरी तो आइये जानते है (Rama Ekadashi 2024 Date aur muhurt)
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- भगवान् विष्णु को बहुत प्रिय होता है कार्तिक माह
- दिल्ली में मनाया जाता है प्रकाश पर्व
- इस बार धनतेरस और दिवाली का त्यौहार भी मनाया जायेगा
- भगवान विष्णु इस एकादशी में निद्रा से जागते है
- कार्तिक माह भगवान् विष्णु को समर्पित होता है
- कार्तिक माह में भगवान विष्णु के साथ तुलसी माता की विशेष रूप से पूजा की जाती है
कार्तिक माह पूर्णतः भगवान विष्णु और माता तुलसी के पूजन के लिए समर्पित माना जाता है, इस माह में जो भी साधक भगवान विष्णु और माता तुलसी का पूजन प्रतिदिन विधि विधान से करता है उसके उपर प्रभु की विशेष कृपा होती है ऐसा शास्त्रों में विदित भी है। कार्तिक माह में भगवान विष्णु नींद से जागते है यही समय है जब रमा एकादशी व्रत पूजन इत्यादि किया जाता है
रमा एकादशी शुभ मुहूर्त (Rama Ekadashi Shubh Muhurat)
हिन्दू पंचांग द्वारा कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की तिथि एकादशी 27 अक्टूबर को प्रातः 05 बजकर 23 मिनट पर शुरू होगी और 28 अक्टूबर को प्रातः 07 बजकर 50 मिनट पर समाप्त होगी। वैष्णव समुदाय के अनुयायी 28 अक्टूबर को रमा एकादशी मनाएंगे। अतः प्रायः 28 अक्टूबर को रमा एकादशी मना सकते हैं। वहीं, 29 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 31 मिनट से लेकर 08 बजकर 44 मिनट के मध्य साधक पारण कर सकते हैं। इसके लिए आप स्थानीय पंचांग का सहारा ले सकते हैं।
रमा एकादशी महत्व (Rama Ekadashi Importance)
हिन्दू धर्म में एकादशी पर्व का विशेष महत्व मन जाता है। इस शुभ अवसर पर मंदिरों में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। साथ ही भजन-कीर्तन किया जाता है। एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को अमोघ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं और मनोकामना पूर्ण होती है इस अवसर में विष्णु सहस्रनाम का पाठ या श्री हरी स्तोत्र का पाठ विशेष रूप से करें।
पूजा विधि (Rama Ekadashi Puja Vidhi)
कार्तिक मास के कृष्णा पक्ष एकादशी के दिन ब्रम्ह मुहूर्त में उठकर नित्यकर्म से निवृत्त होकर स्नान आदि के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करी हो सके तो इस दिन पीले वस्त्र का उपयोग करें और भगवान सूर्यदेव को जल अर्ध्य दें (मंत्र – ॐ सूर्याय नमः, ॐ विष्णवे नमः, ॐ तुलसी मात्रेभ्यो नमः)। इसके बाद पंचोपचार एकत्र कर विधिवत भगवान की पूजा पूर्ण करें और पीले फल और पीले पुष्प भगवान को अर्पित करें अंत में विष्णु चालीसा का पाठ करें और आरती करें।
रमा एकादशी के मुहूर्त
सूर्योदय – | सुबह 06 बजकर 30 मिनट पर |
सूर्यास्त – | शाम 05 बजकर 39 मिनट पर |
चंद्रोदय- | देर रात 03 बजकर 36 मिनट पर ( 29 अक्टूबर) |
चंद्रास्त- | दोपहर 03 बजकर 32 मिनट पर |
ब्रह्म मुहूर्त – | सुबह 04 बजकर 48 मिनट से 05 बजकर 39 मिनट तक |
विजय मुहूर्त – | दोपहर 01 बजकर 56 मिनट से 02 बजकर 41 मिनट तक |
गोधूलि मुहूर्त – | शाम 05 बजकर 39 मिनट से 06 बजकर 05 मिनट तक |
निशिता मुहूर्त – | रात्रि 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक |
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