आरती रानी सती की – Rani Sati Ji Ki Aarti

रानी सती, जिन्हें रानी सती दादी के नाम से भी जाना जाता है, विशेष रूप से मारवाड़ी समुदाय और राजस्थान के भक्तों में एक पूजनीय देवी रूप मानी जाती हैं। (Rani Sati Ji Ki Aarti) उन्हें केवल अपने पति की चिता पर सती होने के लिए ही नहीं, बल्कि उनके साहस, भक्ति और बलिदान के लिए भी याद किया जाता है। उनका मुख्य मंदिर राजस्थान के झुंझुनूं में स्थित है, जो भारत के सबसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में से एक है।

रानी सती की आरती (भक्ति गीत) को भक्तगण अपनी भक्ति व्यक्त करने, आशीर्वाद प्राप्त करने और उनकी वीरता का सम्मान करने के लिए गाते हैं। यह आरती आमतौर पर दैनिक पूजा और विशेष अवसरों पर की जाती है, विशेष रूप से अमावस्या की रात को, जिसे रानी सती की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

आरती रानी सती की – Rani Sati Ji Ki Aarti

जय श्री रानी सती मैया, जय श्री रानी सती ।
अपने भक्त जनों की दूर करने विपत्ति ।।

जय श्री रानी ० 

अवनि अनन्तर ज्योति अखंडित मंडित चहुँ कुकुमा ।
दुर्जन दलन खंग वी विद्युत सम प्रतिभा ।।

जय श्री रानी ० 

मरकत मणि मन्दिर अति मंजुल शोभा लाख न परे ।
ललित ध्वजा चहुँ ओर कंचन कलस धरे ।।

जय श्री रानी ०  

घंटा धनन घड़ावल बाजे शंख मृदंग धुरे ।
किंनर गायन करते वेद ध्वनि उचरे ।।

जय श्री रानी ०  

सप्त मातृका करें आरती सुरगण ध्यान धरे ।
विविध प्रकार के व्यंजन श्री भेंट धरे ।।

जय श्री रानी ० 

संकट विकट विडानि नाशनि हो कुमती ।
सेवक जन हदि पटले मृदुल करन सुमती ।।

जय श्री रानी ० 

अमल कमल दल लोचनि मोचनि त्रय तापा ।
“शांति” सखी मैया तेरी शरण गहीं माता ।।

जय श्री रानी ० 

या मैया जी की आरती जो कोई नर गावे ।
सदन सिद्धि नवनिधि फल मन वांछित पावे ।।

जय श्री रानी ० 

कराग्रे वसते लक्ष्मीः कर मध्ये सरस्वती ।
करमूले स्थितो ब्रह्मा प्रभाते करदर्शनम् ।।


भगवानम डॉट कॉम पर हमने आपके लिए कुछ नए भाग भी जोडें है जिससे आपको और भी अन्य जानकारियां प्राप्त होती रहे जैसे | पौराणिक कथाएं | भजन संध्या | आरती संग्रह | व्रत कथाएं | चालीसा संग्रह | मंत्र संग्रह | मंदिर संग्रह | ब्लॉग | इन्हें भी पढ़ें और अपने विचार हमें कमेंट में बताये जिससे हम समय पर अपडेट करते रहे। हमसे जुड़ने के लिए फॉलो करें यू ट्यूब चेनलइन्स्टाग्राम और फेसबुक से।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top