यह एक धार्मिक और ज्ञानवर्धक (Shiv Parvati Kahani) कहानी है इसको पढ़कर अपने अज्ञान के द्वार को खोलिए और समजिये भगवान शिव ने पार्वती जी को बताई अनोखी बात और उसका अनुसरण अच्छे रूप और लोक कल्याण में करें :-
शिवजी ने पार्वती जी को बताई अनोखी बात | Shiv Parvati Kahani
जब पार्वती ने बनाया भोजन- तो शिवजी ने पार्वती जी को बताई अनोखी बात
एक बार माता पार्वती ने भगवान शिव से कहा की प्रभु मैंने पृथ्वी पर देखा है कि जो व्यक्ति पहले से ही अपने प्रारब्ध से दुःखी है- आप उसे और ज्यादा दुःख प्रदान करते हैं- और जो सुख में है आप उसे दुःख नहीं देते है। भगवान ने इस बात को समझाने के लिए माता पार्वती को धरती पर चलने के लिए कहा और दोनों ने इंसानी रूप में पति-पत्नी का रूप लिया और एक गावं के पास डेरा जमाया ।
शाम के समय भगवान ने माता पार्वती से कहा की हम मनुष्य रूप में यहां आए है इसलिए यहां के नियमों का पालन करते हुए हमें यहां भोजन करना होगा। इसलिए मैं भोजन कि सामग्री की व्यवस्था करता हूं, तब तक तुम भोजन बनाने की व्यवस्था बनाओ।
भगवान के जाते ही माता पार्वती रसोई में चूल्हे को बनाने के लिए बाहर से ईंटें लेने गईं-और गांव में कुछ जर्जर हो चुके मकानों से ईंटें लाकर चूल्हा तैयार कर दिया। चूल्हा तैयार होते ही भगवान वहां पर बिना कुछ लाए ही प्रकट हो गए। माता पार्वती ने उनसे कहा आप तो कुछ लेकर नहीं आए, भोजन कैसे बनेगा।
भगवान बोले – पार्वती अब तुम्हें इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी। भगवान ने माता पार्वती से पूछा की तुम चूल्हा बनाने के लिए इन ईटों को कहा से लेकर आई तो माता पार्वती ने कहा – प्रभु इस गावं में बहुत से ऐसे घर भी हैं जिनका रख रखाव सही ढंग से नहीं हो रहा है। उनकी जर्जर हो चुकी दीवारों से मैं ईंटें निकाल कर ले आई।
भगवान ने फिर कहा – जो घर पहले से ख़राब थे तुमने उन्हें और खराब कर दिया। तुम ईंटें उन सही घरों की दीवार से भी तो ला सकती थीं।माता पार्वती बोली – प्रभु उन घरों में रहने वाले लोगों ने उनका रख रखाव बहुत सही तरीके से किया है और वो घर सुंदर भी लग रहे हैं।
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ऐसे में उनकी सुंदरता को बिगाड़ना उचित नहीं होता। भगवान बोले – पार्वती यही तुम्हारे द्वारा पूछे गए प्रश्न का उत्तर है। जिन लोगो ने अपने घर का रख रखाव अच्छी तरह से किया है यानि सही कर्मों से अपने जीवन को सुंदर बना रखा है उन लोगों को दुःख कैसे हो सकता है।मनुष्य के जीवन में जो भी सुखी है वो अपने कर्मों के द्वारा सुखी है, और जो दुखी है वो अपने कर्मों के द्वारा दुखी है ।
इसलिए हर एक मनुष्य को अपने जीवन में ऐसे ही कर्म करने चाहिए की, जिससे इतनी मजबूत व खूबसूरत इमारत खड़ी हो कि कभी भी कोई भी उसकी एक ईंट भी निकालने न पाए।
प्रिय बंधुओ व मित्रों, यह काम जरा भी मुश्किल नहीं है। केवल सकरात्मक सोच और निः स्वार्थ भावना की आवश्यकता है। इसलिए जीवन में हमेशा सही रास्ते का ही चयन करें और उसी पर चलें।
इससे हमको क्या सीखने मिलता है :-
- हमेशा अच्छे कर्म करें।
- जीवन में हमेशा सही रास्ते का चयन करें।
।।जय जय श्री राम।। – ।।हर हर महादेव।।
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