शिव पार्वती मंत्र / Shiv Parvati Mantra / सुख-शांति और आशीर्वाद के लिए

Shiv Parvati Mantra – यदि आप भगवान् शिव के उपासक है तो आपने जाना होगा की शिव और पार्वती दो नहीं बल्कि एक ही है। शिव पार्वती के मिलन के लिए दोनों ने कठिन तपस्या की है और यकीन मानिये शिव और पार्वती ही एकमात्र कारक है सृष्टि के सर्जन में। यदि शिव और पार्वती एक नहीं होते तो संसार को सांसारिक ज्ञान का अनुभव और ज्ञान नहीं हो पता मैंने शिव पुराण का स्मरण किया है तो मुझे ज्ञान है इस विषय में शिव और पार्वती का मिलन कितना आवश्यक था।

सृष्टि के लिए तो शिव पार्वती मंत्र उन्ही भगवान शिव और देवी पार्वती के दिव्य संबंध को श्रद्धा से पूजने का एक अत्यंत महत्वपूर्ण साधन है। यह मंत्र व्यक्ति को आंतरिक शक्ति, मानसिक शांति, और आत्मिक संतुलन प्राप्त करने में मदद करता है। Shiv Parvati Mantra में भगवान शिव के साथ-साथ देवी पार्वती की ऊर्जा भी समाहित होती है। मंत्र का जाप करने से मानसिक तनाव कम होता है, आत्मा को शांति मिलती है, और मनोबल में वृद्धि होती है।

ऐसा माना जाता है कि यह मंत्र न केवल मन को शांति प्रदान करता है, बल्कि रिश्तों में प्रेम और आपसी समझ को भी मजबूत बनाता है। अतः यह मंत्र एक साधना है, जो हमें सिखाता है कि कैसे प्रेम, समर्पण और शक्ति का संतुलन बनाकर हम अपने जीवन को दिव्यता की ओर ले जा सकते हैं। इस मंत्र को हमने आपके लिए नीचे उपलब्ध कराया है जो इस प्रकार से है –

Shiv Parvati Mantra

मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए

हे गौरी शंकर अर्धांगिनी यथा त्वं शंकर प्रिया,
तथा माम कुरु कल्याणी कांतकांता सुदुर्लाभाम्॥

पति की दीघार्यु के लिए मंत्र

नमस्त्यै शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभा,
प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे॥

सौभाग्य प्राप्ति मंत्र

देहि सौभाग्यं आरोग्यं देहि मे परमं सुखम्,
पुत्र-पौत्रादि समृद्धि देहि में परमेश्वरी॥

शिव पार्वती का प्रिय मंत्र

ॐ पार्वतीपतये नमः॥

शिव पार्वती को अर्धांग मंत्र

ॐ नमः पार्वती पतये हर हर महादेव (महामंत्र)

शिव पार्वती मंत्र जप के बाद आप Shiv Ji Ki Aarti Lyrics और शिव भजन भी कर सकते है, यह शिव के प्रति आपके प्रेम और भक्ति को और गहरा करता है। इसके अलावा शिव जी के अन्य मंत्र Shiv Gayatri Mantra, Shiv Abhishek Mantra और Shiv Namaskar Mantra का जाप भी किया जा सकता है। इन शिव मंत्रों का जाप साधक को मानसिक शांति, आध्यात्मिक उन्नति और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।

यह मंत्र किसके लिए लाभकारी है?

जो भी व्यक्ति अपने विवाहित जीवन से परेशान है या अनबन बनी रहती है उसे इस मंत्र जाप अवश्य करना चाहिए, क्योंकि यह मंत्र पति-पत्नी के बीच प्रेम और विश्वास को बढ़ावा देता है।

इस मंत्र का पाठ कैसे करे?

जिस प्रकार आप घर या मंदिर में पूजन करते है ठीक उसी मुद्रा में आपको पाठ करना है

इस मंत्र का जाप कब करना चाहिए?

पूजन के समय ही इनका उच्चारण करना चाहिए

इन मन्त्रों के लिए कोई विशेष दिन निर्धारित है?

नहीं, आप प्रतिदिन इन मन्त्रों का पाठ कर सकते है


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