पढ़िए श्री हनुमान चालीसा – जिसके पढने से सारे कष्ट दूर हो जाते है | Shri Hanuman Chalisa

“कौनसो संकट मोर गरीब को, जो तुमसे नहीं जात है तटारो” अर्थात इस संसार में ऐसा कोई भी संकट नहीं जो हनुमान जी के लिए कठिन है, श्री हनुमान चालीसा पढ़ने मात्र से ही जीवन की परेशानियों एवं भय से मुक्ति मिल जाती है। गोस्वामी श्री तुलसीदास जी महाराज द्वारा रचित श्री हनुमान चालीसा में चमत्कारी शक्तियों का वर्णन किया हुआ है, जिनके पाठ करने से हनुमंत (हनुमान जी) की कृपा जरूर मिलती है। यहां पढ़िए श्री हनुमान चालीसा।

Hanuman Chalisa In Hindi – हनुमान चालीसा हिंदी

इस अखंड घोर कलयुग के समय में श्री हनुमान जी की आराधना बहुत फलदायी मानी जाती है। हिंदू-धर्म में भगवान श्री हनुमान जी की पूजा-अर्चना, आराधना और वंदना बड़े ही श्रद्धा व भक्ति भाव से की जाती है। हिंदू मान्यता के अनुसार श्री हनुमान जी ऐसे देवता हैं, जो बहुत जल्द प्रसन्न होकर अपने भक्तों के कष्टों को दूर करते हैं।

धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि हनुमानजी ऐसे एक देवता हैं जो कलयुग समय में भी पृथ्वी लोक पर विद्यमान रहे हैं और अपने भक्तों के ऊपर आने वाली हर विपदा को दूर करते रहे हैं।  हर प्रकार के दुखों के निवारण, भय से मुक्ति और अपने आराध्य श्री हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए श्री हनुमान चालीसा का नियमित पाठ अवश्य करें है। श्री गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित श्री हनुमान चालीसा में चमत्कारी शक्तियों का वर्णन किया गया है, जिनका पाठ करने से हनुमंत(हनुमान जी) की कृपा जरूर प्राप्त होती है। 


श्री हनुमान चालीसा पाठ :-

।। दोहा ।।

श्री-हनुमान-चालीसा-Shri-Hanuman-Chalisa

।। चौपाई ।।

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ।।

रामदूत अतुलित बल  धामा । अंजनि पुत्र पवनसुत नामा ।।

महावीर विक्रम बजरंगी । कुमति निवास सुमित के संगी।।

कंचन बरण बिराज सुबेसा । कानन कुण्डल कुंचित केसा ।।

हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै । काँधे मूँज जनेऊ साजै ।।

शंकर सुवन केसरीनन्दन । तेज प्रताप महा जग बन्दन ।।

बिद्यावान गुणी अति चातुर। राम काज करिबे को आतुर ।।

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। राम लखन सीता मन बसिया ।।

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा । बिकट रूप धरि लंक जरावा ।।

भीम रूप धरि असुर सँहारे । रामचन्द्र के काज सँवारे ।।

लाय संजीवन लखन जियाये। श्री रघुबीर हरषि उर लाये ।।

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ।।

सहस बदन तुम्हरो जस गावैं। अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं ।।

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा । नारद सारद सहित अहीसा ।।

जम कुबेर दिग्पाल जहाँ ते । कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते ।।

तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा। राम मिलाय राजपद दीन्हा ।।

तुम्हरो मन्त्र बिभीषण माना। लंकस्वर भये सब जग जाना ।।

जुग सहस्त्र जोजन पर भानू । लील्यो ताहि मधुर फल जानू ।।

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं। जलधि लाँघि गए अचरज नाहीं।।

दुर्गम काज जगत के जेते। सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ।।

राम दुआरे तुम रखवारे । होत न आज्ञा बिनु पैसारे ।।

सब सुख लहै तुम्हारी सरना । तुम रच्छक काहू को डर ना ।।

आपन तेज सम्हारो आपै । तीनों लोक हाँक ते काँपै ।।

भूत पिशाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै ।।

नासै रोग हरै सब पीरा । जो जपत निरंतर हनुमत बीरा ।।

संकट से हनुमान छुड़ावै । मन क्रम बचन ध्यान जो लावैं ।।

सब पर राम तपस्वी राजा । तिन के काज सकल तुम साजा ।।

और मनोरथ जो कोई लावै । सोई अमित जीवन फल पावै ।।

चारों जुग परताप तुम्हारा । है परसिद्ध जगत उजियारा ।।

साधु सन्त के तुम रखवारे । असुर निकंदन राम दुलारे ।।

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता । अस बर दीन जानकी माता ।।

राम रसायन तुम्हरे पासा । सदा रहो रघुपति के दासा ।।

तुम्हरे भजन राम को पावै । जनम जनम के दुःख बिसरावै ।।

अन्त काल रघुवर पुर जाई । जहाँ जन्म हरि-भक्त कहाई ।।

और देवता चित्त न धरई। हनुमत सेइ सर्व सुख करई ।।

संकट कटै मिटै सब पीरा । जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ।।

जै जै जै हनुमान गोसाईं। कृपा करहु गुरूदेव की नाई ।।

जो सत बार पाठ कर कोई। छूटहि बंदि महा सुख होई ।।

जो यह पढ़े हनुमान चालीसा । होय सिद्धि साखी गौरीसा ।।

तुलसीदास सदा हरि चेरा। कीजै नाथ हृदय महँ डेरा ।।

      ।। दोहा ।।

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श्री हनुमान चालीसा को जितने लोग पढ़ते है उतने ही लोग सुनते भी है क्यूंकि आज कल के व्यस्त समय में लोग अक्सर समय के अभाव के कारन पढ़ नहीं पाते है ऐसे में हनुमान चालीसा सुनना पसंद करते है |

तो आज हम आपको ऐसे ही हनुमान-चालीसा पाठ के लिए यहाँ एक विडियो साझा कर रहे है जिसे लगभग २०० करोड़ लोगो ने सुना और अपने मन को शांति दी यह विडियो आसानी से Youtube में भी उपलब्ध है इसके गायक और संगीत्गार है हमरे प्रिय गुलशन कुमार और हरिहरन जी |


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