श्री साईं चालीसा पाठ | Shri Sai Baba Chalisa Paath lyrics.

Shirdi Sai Baba Chalisa Paath lyrics –  शिर्डी साईं बाबा कहते है बाबा बहुत सरल स्वभाव के थे। बाबा की यही सरलता लोगो को बहुत आकर्षित करती थी और बाबा सबका दिल जीत लेते थे। वैसे तो बाबा भगवान का ही स्वरुप थे लेकिन उन्हें सादगी के साथ रहने वाले, और निश्छल व्यक्ति बहुत भाते थे यही कारन है Sai Baba को प्रसन्न करना बहुत आसान है साईं चालीसा पाठ ही पढ़कर साईं बाबा को प्रसन्न कर सकते है।

गुरूवार का महत्त्व अधिक माना गया है शिर्डी साईं बाबा के पूजन अर्चन के लिए। कहते गुरुवार के दिन साईं बाबा भक्त विशेष पूजा अर्चना और दान करते है कहते है इस दिन पूजा अर्चना और दान से Sai Baba बेहद प्रसन्न होते है। इस दिन व्रत, पूजन करने और धर्म के अनुसार गुरुवार के दिन साईं बाबा पर पीला पुष्प, फल और खिचड़ी चढ़ाने से सभी कष्टों का निवारण शीघ्र हो जाता है।

भगवान साईं अपने भक्तों के सभी कष्टों को स्वयं के ऊपर लेकर उनका जीवन खुशियों से भर देते हैं। यदि आप गुरुवार के दिन उनकी पूजा अर्चना करते वक्त चलीसा भी पढ़ें, तो आपकी सभी परेशानियां शीघ्र दूर हो सकती हैं। मन को शांत करने के साथ-साथ साईं बाबा की कृपा दृष्टि अपने घर के ऊपर बनाएं रखना चाहते हैं, तो हर दिन उनकी प्रतिमा के सामने यह चलीसा जरूर पढ़ें। यहां आप साईं चालीसा हिंदी लिरिक्स के साथ देखकर भी पढ़ सकते है।

श्री सांईं चालीसा – Shri Sai Baba Chalisa Paath Lyrics.

श्री सांईं चालीसा पाठ

।। दोहा ।।

माथ नाय श्री गुरू चरण, बिनवऊं सिद्ध गणेश ।
बरनऊं सांई बिसद जस, सुमिरत मिटहिं कलेश ।।१।।
चरण-कमल महिं शरण दो, बाबा सांई नाथ ।
भक्तबछल करूणायतन, मैं सब भांति अनाथ ॥२॥

।। चौपाई।।

जय समर्थ सांई सरवेश्वर । जय दत्तात्रय जय अखिलेश्वर ।।१।।

जय कृपालु हे कृष्ण कन्हाई । पढरपुर के बिट्ठल सांई ।।२।।

रामचन्द्र जी के अवतारा । तिंहू लोक जस को विस्तारा ।।३।।

पावन परम चरित्र तिहारे । तीन ताप �����ो तुरत निवारे ।।४।।

उर धारिअ सांई जस पावन | कलि-मल-हरन सकल भय तारन ॥५।।

सांई सरन सहज गति आवे । संसृति – सागर सबहि सुखावे ।।६।।

दुखित भक्त पर सांई दयालु । बिनु कारण उपकारि कृपालु ।।७।।

हरिणाकश्यपु कलिजुग क्लेशा । श्री सांई नरकेहरि वेशा ।।८।।

जन प्रहलाद त्रास को टारो । विपद-निसाचर उदर बिदारो ।।९।।

दैहिक दैविक भौतिक तापा । सांई सब मेटे संतापा ।।१०।।

अष्ट सिद्धि, नवनिधि तव चेरी । तदपि न तृष्णा वैभव केरी ।।११।।

शिव विभूति खट्वांग विभूति । ब्याल, कपाल, गंग अरू बूटी ।।१२।।

आसन टाट धरी तन कफानी। सांई साधी माया नटनी ।।१३।।

सांई शिव संपति के दाता । आत्म-क्रीड परमानन्द राता ।।१४।।

स्वात्माराम विषय नहीं भावे । मुक्त-हस्त वैभव बरसावे ।।१५।।

ज्ञान, मान के अवढर दानी। अपनायो अति नीचहि प्रानी ।।१६।।

भूत, भविष्य काल-गीत-स्वामी । योगेश्वर अव्यक्त अनामी ।।१७।।

चरण-धूलि जिन सीसा धरी है। सांई तिन पर दया करी है ।।१८।।

जिन विभूति को कियो प्रयोग । मिटे तुरत सब जग के रोगा ।।१९।।

कृपा दृष्टि जब सांई निहारे । गूंगा ज्ञान अगम्य उचारे ।।२०।।

दिव्य तेज मुख सदा बिराजा । सुराधीश लख वैभव लाजा ।।२१।।

जुड़ा द्वारकामाई समाजू। शिरडी पावन तीरथ राजू ।।२२।।

सांई संगम जहां बुलायो । पाप-पुंज फल माहिं नसायो ।।२३।।

भक्त -हेतु नानां तनु धारी। सांई महिमा अमित तुम्हारी ।।२४।।

कलिमल-विपट कुठारी सांई । भसूत- हनन कपि-कुंजर नाई ।।२५।।

निर्धन जन तुम बने कुबेरा। ज्ञान-दीप, अज्ञान अंधेरा ।।२६।।

करूणाकर तुम सौख्या लुटाओ। जन का सुख निज सीस चढ़ायो ।।२७।।

कृपा तुम्हारी अनन्त अपारा। गगन सदृश्य व्यापक विस्तारा ।।२८।।

दया- सिंधु तुम अगम अगाधा । जन को सरल सुगम निर्बाधा ।।२९।।

कल्प वृक्ष शीतलतादायी । चिंतामणि चिंताहर सांई ।।३०।।

कामधेनु अभिमत फलदाता । सिद्धि-ऋद्धि, सुख, वैभव दाता ।।३१।।

तुम उदार सीतापति जैसे । अपनायो जिन चितव अनैसे ।।३२।।

बिसर गयो जन तुम नहिं भूले। मो पर सदा रहहु अनुकूले ||३३।।

प्रनवउं सांई नमामि नमामी । मैं सकाम तुम सदा अकामी ।।३४।।

शरण तिहारी लाज निभाओ । गहो बांह भव पार लगाओ ।।३५।।

सुमिरत सांई नाम तिहारो । सारद आई विरद संभारो ।।३६।।

श्रद्धा उर धर सांई जपै नित। निर्मल मति अति शांत होय चित ।।३७।।

सांई सनाथ किये अगनित जन । दे दी सद्गति संत परमधन ।।३८।।

पारब्रह्म हे – नित्य अगोचर । कदऊं भक्त हेतु दृग्गोचर ।।३९।।

बंदउं पुनि-पुनि सांई नाथा । करहु कृपा धर सिर पर हाथा ।।४०।।

।। दोहा ।।

चालीसा यह नित पढ़े, जो श्रद्धा उर आनि । पाइ पदारथ चारिहौं, सांई करै कल्यान ।।१।।

भक्त-हृदय निर्मल गगन, सांई चन्द्र समान । विकसित भक्ति-कुमोदिनी, सदा रहउ अम्लान ।।२।।


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साईं चालीसा पाठ कब करना चाहिए ?

साईं चालीसा पाठ मुख्यतः गुरुवार के दिन संध्या के समय करना उचित है और यदि आप कर सकते है तो रोज़ भी करिए |

साईं चालीसा लिखा हुआ कैसे प्राप्त करे ?

आजकल इंटरनेट में तो सभी वस्तुए उपलब्ध है हमने भी साईं चालीसा pdf में उपर आपको पोस्ट में मिल जायेगा आप यहाँ से भी प्राप्त कर सकते है |

साईं चालीसा इन हिंदी लिरिक्स कैसे पढ़ें ?

हमने उपर साईं चालीसा इन हिंदी लिरिक्स उपलब्ध करवाया है आप पोस्ट (Sai Baba Chalisa) में जाकर पढ़ सकते है |

साईं राम चालीसा क्या है ?

सबका मालिक एक वैसे ही साईं राम चालीसा और साईं बाबा चालीसा एक है अलग नहीं |

साईं बाबा को प्रसन्न कैसे करें ?

सादगी के साथ साईं बाबा की पूजा करने से भगवान बेहद जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। गुरुवार के दिन साईं बाबा की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। तो इस दिन स्वच्छ और साफ़ तन और मन के साथ बाबा की चालीसा का पाठ करें और श्रद्धा के साथ दान करें बाबा इसी से प्रसन्न हो जाते है |

प्रसिद्द श्री साईं चालीसा | Sai Baba Chalisa Videos.

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