सिद्धकुञ्जिकास्तोत्रम् | Siddha Kunjika Stotram.

Siddha Kunjika Stotram – इस स्तोत्र के विषय में एक बार भगवान् शिव ने माता पार्वती को उपदेश देते हुए बताया की जो भी इस स्तोत्रम् का पाठ करेगा इस मंत्र के प्रभाव से उसकी पूरी पूजा का फल प्राप्त होगा , इस दुर्लभ पाठ के करने से देवी के सम्पूर्ण पाठ का फल मिल जाता है | तो आइये स्मरण करें सिद्धकुञ्जिकास्तोत्रम् पाठ –

इसे भी पढ़ें – दुर्गा जी की आरती जय अंबे गौरी | अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम |

सिद्धकुञ्जिकास्तोत्रम् – Siddha Kunjika Stotram – Siddha Kunjika Stotram in hindi

– शिव उवाच –

शृणु देवि प्रवक्ष्यामि, कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम्।
येन मन्त्रप्रभावेण चण्डीजापः शुभो भवेत॥1॥

न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम्।
न सूक्तं नापि ध्यानं च न न्यासो न च वार्चनम्॥2॥

कुञ्जिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत्।
अति गुह्यतरं देवि देवानामपि दुर्लभम्॥3॥

गोपनीयं प्रयत्‍‌नेनस्वयोनिरिव पार्वति।
मारणं मोहनं वश्यंस्तम्भनोच्चाटनादिकम्।
पाठमात्रेण संसिद्ध्येत्कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम्॥4॥

॥ अथ मन्त्रः ॥

ॐ ऐं ह्रीं क्लींचामुण्डायै विच्चे॥
ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालयज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वलहं सं लं क्षं फट् स्वाहा॥

॥ इति मन्त्रः ॥

नमस्ते रूद्ररूपिण्यै नमस्ते मधुमर्दिनि।
नमः कैटभहारिण्यै नमस्ते महिषार्दिनि॥1॥

नमस्ते शुम्भहन्त्र्यै च निशुम्भासुरघातिनि।
जाग्रतं हि महादेवि जपं सिद्धं कुरूष्व मे॥2॥

ऐंकारी सृष्टिरूपायै ह्रींकारी प्रतिपालिका।
क्लींकारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तु ते॥3॥

चामुण्डा चण्डघाती च यैकारी वरदायिनी।
विच्चे चाभयदा नित्यं नमस्ते मन्त्ररूपिणि॥4॥

धां धीं धूं धूर्जटेः पत्‍‌नी वां वीं वूं वागधीश्‍वरी।
क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि शां शीं शूं मे शुभं कुरु॥5॥

हुं हुं हुंकाररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी।
भ्रां भ्रीं भ्रूं भैरवी भद्रे भवान्यै ते नमो नमः॥6॥

अं कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं क्षं।
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा॥7॥

पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा।
सां सीं सूं सप्तशती देव्या मन्त्रसिद्धिं कुरुष्व मे॥8॥

इदं तु कुञ्जिकास्तोत्रंमन्त्रजागर्तिहेतवे।
अभक्ते नैव दातव्यंगोपितं रक्ष पार्वति॥
यस्तु कुञ्जिकाया देविहीनां सप्तशतीं पठेत्।
न तस्य जायतेसिद्धिररण्ये रोदनं यथा॥

॥ इति श्रीरुद्रयामले गौरीतन्त्रे शिवपार्वतीसंवादे कुञ्जिकास्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥
॥ ॐ तत्सत् ॥

Siddha Kunjika Stotram benefits ?

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र सबसे शक्तिशाली वैदिक छंदों में से एक है जिसे कोई भी देवी चंडी और मां दुर्गा की स्तुति के लिए जप किया जा सकता है। कहते है कि सिद्ध कुंजिका स्तोत्रम अपने आप में बहुत शक्तिशाली है। पूरे कुंजिका स्तोत्र का एक मंत्र दुर्गा सप्तशती के पूरे श्लोक के जप के बराबर है जो कुंजिका स्तोत्रम से कहीं अधिक लंबा है। साधक चाहे तो दुर्गा सप्तशती के पाठ की जगह सिद्धकुञ्जिकास्तोत्रम् का पाठ भी कर सकता है |

Miracles of Siddha kunjika stotram ?

इस संसार में व्यक्ति स्वयं के उलझनों और समस्याओं से घिरा हुआ है, सिद्धकुञ्जिकास्तोत्रम् के पाठ से व्यक्ति को वाणी और मन की शक्ति मिलती है, व्यक्ति के अंदर अद्भुद ऊर्जा का संचार होने लगता है, व्यक्ति को खराब ग्रहों के प्रभाव से छुटकारा मिलता है जीवन में में धन और कष्टों से छुटकारा मिलता है |

इसे भी पढ़ें – श्री दुर्गा पूजा – प्रातः स्मरण मंत्र, स्तुति |


यहाँ पर पोस्ट में बताई गयी सारी जानकारियाँ आस्था और जनरुचि को ध्यान में रखकर लिखी है इसकी पुष्टि जैसे की विधि और पूजन हमने हमारी जानकारी के आधार पर लिखा है यदि आपको किसी भी प्रकार की त्रुटी लगती है तो आप हमसे संपर्क कर सकते है संपर्क सूत्र के लिए हमने About us में उल्लेख लिया है|

धर्म के उपाय और सलाहों को आपनी आस्था और विश्वास पर आजमाएं। कंटेट का उद्देश्य मात्र आपको बेहतर सलाह देना है।

अंत तक पढने के लिया आपका धन्यवाद, जानकारी आपको कैसी लगी कमेंट में जरुर बताएं|

Scroll to Top