वैभव लक्ष्मी व्रत कैसे करें | Vaibhav Laxmi Vrat Kaise Kare ?

Vaibhav Laxmi Vrat Kaise Kare – जैसा की सभी जानते है हमारे धर्म में माता लक्ष्मी के अनेक रूपों को पूजा जाता है कोई धन लक्ष्मी तो गजलक्ष्मी और यदि बात शुक्रवार की है तो वैभव लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है, सम्पूर्ण भारतवर्ष में शुक्रवार के दिन मा वैभव लक्ष्मी व्रत कथा और आरती का आयोजन किया जाता है

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व्यक्ति अपनी मनोकामना के अनुसार माता के रूपों की पूजा और अर्चना करता है चलिए आज हमको वैभव लक्ष्मी व्रत के नियम और वैभव लक्ष्मी व्रत कथा विधि से अवगत करा रहे है |

वैभव लक्ष्मी व्रत कथा और आरती।
Vaibhav Lakshmi Vrat Katha in Hindi

वैभव लक्ष्मी व्रत के नियम ?

चलिए जानते है क्या है वैभव लक्ष्मी व्रत के नियम! इस व्रत पालन के लिए शुक्रवार के दिन प्रातः काल में जल्दी उठकर स्नान आदि के निवृत्त होकर शुद्ध वस्त्र धारण करना चाहिए, जिस स्थान में आपको पूजन करना है उसको साफ़ सुथरा करके आसन लगा लें और मा लक्ष्मी का ध्यान करें, वैभव लक्ष्मी बीज मंत्र है :-

या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी।

या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥

या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी।

सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥

इस मंत्र का जाप करने के बाद पूजा प्रारंभ करें

वैभव लक्ष्मी व्रत पूजन सामग्री ?

वैसे तो सभी व्रतों में सामग्री का प्रायः एक सामान ही होती है बस कुछ विशेष होती है तो यहाँ हम आपको वैभवलक्ष्मी व्रत पूजन सामग्री से अवगत करते है सबसे पहले मां लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र, फूल, पुष्प माला, कुमकुम, हल्दी, एक बड़ा कलश, चंदन, अक्षत, विभूति, मौली, दर्पण, कंघा, आम के पत्ते, पान के पत्ते, पंचामृत, दही, केले, दूध, जल, धूप बत्ती, दीपक, कपूर, घंटी और प्रसाद।

इन्ही सब सामग्री के साथ आप वैभव लक्ष्मी पूजन का शुभारंभ कर पूजन कर सकते है और वैभव लक्ष्मी व्रत कथा आरती यहाँ पढ़ सकते है |

वैभव लक्ष्मी व्रत कैसे करें | FAQ ?

वैभव लक्ष्मी व्रत में क्या खा सकते है ?

प्रायः माता लक्ष्मी के व्रत में एक ही बार भोजन ग्रहण किया जाता है और भोजन में सात्विक भोजन के साथ ही खीर जरुर खाए। सात्विक भोजन में साबूदाने की खिचड़ी एवं पुलाव, कुटू के पराठे, कच्चे केले की टिकी, सिंघाड़े की नमकीन बर्फी, आलू, खीरे और मूंगफली का सलाद आदि को शामिल किया जा सकता है जो की सात्विक भोजन कहलाता है स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है, बुजुर्ग इसलिए तो कहते है व्रत और उपवास माह में एक या दो बार रहना चाहिए ।

क्या वैभव लक्ष्मी व्रत में नमक खा सकते हैं

कुछ व्रतों में लोग सेंध नामक कहा लेते है, लेकिन पूर्वज और ज्ञानियों अनुसार वैभव लक्ष्मी व्रत में नमक नहीं खाया जाता है।

वैभव लक्ष्मी व्रत क्यों किया जाता है

हिन्दू धर्म में माँ वैभव लक्ष्मी व्रत को धन, वैभव, सुख और समृद्धि प्राप्त करने के लिए किया जाता है। देवी लक्ष्मी के इस व्रत को स्त्री या पुरुष कोई भी रख सकता है। जिन मनुष्यों के जीवन में आर्थिक तंगी, परेशानी या फिर गृह क्लेश का निरंतर उतर चढ़ाव बना हुआ है उनके लिए यह विशेष लाभकारी है धन समृद्धि और निचितता के लिए यह व्रत अवश करना चाहिए।

वैभव लक्ष्मी व्रत किस महीने में उठाया जाता है

अधिकतर लोगो के मन में यह सवाल जरूर बना रहता है कि वैभव लक्ष्मी व्रत कब शुरू करें? इस व्रत को शुरू करने का सबसे शुभ दिन शुक्ल पक्ष का पहला शुक्रवार माना जाता है। इस व्रत को 16 या 21 शुक्रवार तक रखना चाहिए। जिससे आपको विशेष लाभ अपने जीवन में देखने को मिलेंगे।

वैभव लक्ष्मी व्रत का उद्यापन कब करना चाहिए

यदि आप शुक्रवार को वैभव लक्ष्मी का व्रत रख रहे हैं तो आपको इसे 9, 11 और 21 शुक्रवार के लिए रखना चाहिए, अंतिम शुक्रवार के दिन इस व्रत का उद्यापन करें, उद्यापन के दिन व्यक्ति को वैभव लक्ष्मी जी की आरती और पूजा करने के बाद हो सके तो 7 या 9 कन्याओं को खीर और पूरी खिलानी चाहिए। इसके बाद सभी कन्याओं को वैभव लक्ष्मी व्रत की पुस्तक और केले का प्रसाद देकर विदा करना चाहिए, इसके बाद खुद भी इस प्रसाद को ग्रहण करें।


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