योगिनी एकादशी व्रत कथा | Yogini Ekadashi Vrat Katha.

Yogini Ekadashi Vrat Katha. धर्मराज युधिष्ठिर बोले कि हे जनार्दन! मैंने ज्येष्ठ मास में शुक्ल पक्ष की निर्जला एकादशी व्रत की कथा सुनी। अब आप कृपा करके आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी की कथा वर्णन कीजिये। इस एकादशी का नाम क्या है तथा माहात्म्य क्या है ? मुझे इसके विषय में सब वर्णन कीजिये। श्री कृष्ण बोले कि हे राजन! आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का नाम योगिनी एकादशी व्रत है। इसके व्रत से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और इस लोक में भोग तथा परलोक में मुक्ति देने वाला है। हे राज राजेश्वर !

यह एकादशी तीनों लोकों प्रसिद्ध है इसके व्रत से मनुष्य के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं चलिए मैं आप से पुराण में कही हुई कथा कहता हूँ, ध्यानपूर्वक सुनें।

इसे भी पढ़ें – वट सावित्री व्रत पूजा विधि | Vat Savitri Vrat 2023

योगिनी एकादशी व्रत कथा – Yogini Ekadashi Vrat Katha.

अलकापुरी नाम की एक नगरी में एक कुबेर नाम का राजा राज्य करता था । वह शिव भक्त था। उसकी पूजा करने के लिये एक हेम माली पुष्प लाया करता था । उसके विशालाक्षी नाम की अत्यन्त सुन्दर स्त्री थी। वह मानसरोवर से पुष्प ले आया, परन्तु कामासक्त होने के कारण पुष्पों को रख कर अपनी स्त्री के साथ रमण करने लगा और दोपहर तक न गया ।

जब राजा कुबेर को उस की राह देखते-देखते दोपहर हो गई तो उसने क्रोधपूर्वक अपने सेवकों को आज्ञा दी कि तुम लोग जाकर हेममाली का पता लगाओ कि अभी तक पुष्प क्यों नहीं लाया है ? जब सेवकों ने उसका पता लगा लिया तो वह कुबेर के पास आकर कहने लगे कि हे राजन! वह माली अभी तक अपनी स्त्री के साथ रमण कर रहा है। सेवकों की इस बात को सुन कर राजा कुबेर ने हेममाली को बुलाने की आज्ञा दी। हेममाली राजा कुबेर के सन्मुख डर से कांपता हुआ उपस्थित हुआ।

उसको देख कर राजा कुबेर को अत्यन्त क्रोध आया और उसके होंठ फड़फड़ाने लगे। उसने कहा-रे पापी ! महा- नीच कामी ! तूने मेरे परम पूजनीय ईश्वरों के भी ईश्वर शिवजी का अनादर किया है इससे मैं तुझे श्राप देता हूँ कि तू स्त्री का वियोग भोगेगा और मृत्युलोक में जाकर कोढ़ी होगा।

कुबेर के श्राप के प्रभाव से वह उसी क्षण स्वर्ग से पृथ्वी पर गिरा और कोढ़ी हो गया । उसकी स्त्री भी उसी समय उससे बिछुड़ गई मृत्यु लोक में आकर उसने महा दुःख भोगे । परन्तु शिवजी की भक्ति के प्रभाव से उनकी बुद्धि मलीन न हुई थौर पिछले जन्म की भी सुध रही। इसलिये वह अनेक दुःखों को भोगता हुआ तथा अपने पूर्व जन्म के कुकर्मों का स्मरण करता हुआ हिमालय पर्वत की तरफ चल दिया।

वहां पर चलते-चलते मार्कन्डेय ऋषि के आश्रम पर पहुँचा वह ऋषि अत्यन्त वृद्ध तथा तपशाली थे । वह दूसरे ब्रह्मा के समान प्रतीत हो रहे थे और उनका वह आश्रम ब्रह्मा की सभा के समान शोभा दे रहा था । उनको देखकर वह हममाली वहां गया और उनको प्रमाण करके उनके चरणों में गिर पड़ा ।

इसे भी पढ़ें – देवशयनी / हरिशयनी / पदमा एकादशी व्रत कथा | Devshayani Ekadashi Vrat Katha.

उनको देखकर मार्कण्डेय ऋषि बोले कि तूने कौन से खोटे कर्म किये हैं जिससे तू कोढ़ी हुआ और महान दुःख भोग रहा है। इस पर हेममाली बोला- हे मुनि ! मैं यमराज कुबेर का सेवक था। मेरा नाम हेममाली है। राजा की पूजा के लिये नित्य प्रति पुष्प लाया करता था। एक दिन अपनी स्त्री के साथ बिहार करते-२ देर हो गई और दोपहर तक पुष्प लेकर न पहुँचा।

उन्होंने मुझे श्राप दिया कि तू अपनी स्त्री का वियोग भोग और मृत्युलोक में जाकर कोढ़ी बन तथा दुःख भोग । इससे मैं कोढ़ी हो गया हूँ और महान दुःख भोग रहा हूँ । अतः आप कोई ऐसा उपाय बतला दें जिससे मेरी मुक्ति हो।

इस पर मार्कन्डेय ऋषि बोले- तूने मेरे सन्मुख सत्य वचन कहे हैं। इसलिये मैं तेरे उद्धार के लिये एक व्रत बताता हूँ । यदि तू आषाढ़ मास के कृष्णपक्ष की योगिनी एकादशी व्रत कथा विधि पूर्वक करेगा तो तेरे समस्त पाप नष्ट हो जायेंगे। इस पर हेममाली बहुत प्रसन्न हुआ और मुनि के वचनों के अनुसार योगिनी एकादशी का विधि पूर्वक व्रत किया। इसके प्रभाव से वह फिर अपने पुराने रूप में आ गया और अपनी स्त्री के साथ विहार करने लगा ।

हे राजन! इस योगिनी एकादशी व्रत कथा का फल अट्ठासी सहत्र ब्राम्हणों के भोजन करने के बराबर है, इसके व्रत से समस्त पाप दूर हो जाते है और अंत में स्वर्ग लोग की प्राप्ति होती है।


भगवानम डॉट कॉम हम आपके लिए लगातार धार्मिक व्रत कथा, पूजन और विधि विधान सम्बंधित जानकारियाँ निरंतर पोस्ट करते रहते है साथ ही हमने हिंदी भजन लिरिक्स, आरती लिरिक्स, चालीसा लिरिक्स का भाग भी जोड़ दिया है जिससे आप इनको भी पढ़कर जानकारियाँ ले सकते है। किसी भी प्रकार की जानकारियाँ यदि आपको चाहिए तो आप हमें कमेंट के द्वारा बता सकते है या ईमेल द्वारा भी संपर्क कर सकते है। आपको यहाँ पर दी गयी जानकारी कैसी लगी हमें जरुर बताएं।

अधिक जानकारी के लिए हमारे Youtube Channel सब्सक्राइब करें –

Scroll to Top